
अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन के विवाद ने साधु-संतों को भी दो गुटों में बांट दिया है. संतों का एक गुट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पक्ष में खड़ा है तो दूसरा गुट जमीन खरीद-फरोख्त में धांधली और भ्र्ष्टाचार का आरोप लगाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा है. वहीं कुछ साधु संत ऐसे भी हैं जो किसी गुट के साथ न होकर तटस्थ की भूमिका में हैं.
अयोध्या में मंगलवार को महंत धर्मदास समेत कई बड़े संतों ने राम मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरयू तट पर हनुमान चालीसा का पाठ किया. इसके बाद अयोध्या के रक्षक कहे जाने वाले हनुमान जी को एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में राम मंदिर को लेकर आ रही विध्न बाधाओं को दूर करने और ट्रस्ट पर लग रहे आरोपों की किसी शीर्ष एजेंसी से जांच कराने की प्रार्थना की गई है. जाहिर है अब अयोध्या में ऐसे साधु-संतों की संख्या बढ़ती जा रही है जो ट्रस्ट पर लग रहे आरोपों की जांच चाहते हैं.
निर्वाणी अखाड़ा ने की जांच की मांग
निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा, 'लोगों ने जो राम मंदिर निर्माण के लिए पैसे दिए हैं और देश में जो अराजक व्यवस्था फैली हुई है. यह लुटेरों का विंग बन गया है. चम्पत राय, अनिल मिश्र, कितने लोग हैं, जो इस तरह से जमीन में घोटाला हो रहा है. लोग राम जी की संपत्ति का बंदरबांट कर रहे हैं. इस पर हमलोग केंद्र सरकार से जांच करने की मांग कर रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेकर जांच करानी चाहिए. अलग-अलग तरह से जांच कराई जाए. केंद्र सरकार भष्टाचारी और पैसा लूटने वालों की जांच कराए. अब सीबीआई जांच करे या दुनिया की कोई एजेंसी, जांच होनी चाहिए. भ्रष्टाचार के केंद्र में जो लोग बैठे हैं उनको अयोध्या से खदेड़ा जाएगा और अयोध्या की जनता लाठी मारकर भगाएगी.
दिलीप दास ने कहा, 'सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है. हमारे राम भक्तों ने पर्याप्त धन और भारत सरकार ने पर्याप्त जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दिया है. राम मंदिर निर्माण में अगर विलंब हो रहा है तो ट्रस्ट के पदाधिकारी इसके लिए दोषी हैं और भारत सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है और किसी का कोई दोष नहीं है.'
निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रहा ट्रस्टः तपस्वी छावनी
हालांकि कई साधु-संत सीधे तौर पर ट्रस्ट के पक्ष में खड़े हैं और जमीन खरीद में धांधली का आरोप लगाने वाले आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह पर राम मंदिर निर्माण में अवरोध उत्पन्न करने का आरोप लगाकर उनकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठा रहे है.
तपस्वी छावनी के संत परमहंस ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट निष्ठा और ईमानदारी के साथ में मंदिर निर्माण कार्य कर रहा है और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक लोग जय श्री राम भी बोल रहे हैं और सहयोग भी कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद के मार्ग पर चल रही है इसलिए हम साधु-संत धर्माचार्य जो देश हित में काम करेगा उसको आशीर्वाद देते रहेंगे और जो लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं उनको विरोध इतना भारी पड़ेगा कि आने वाले समय में इनकी लुटिया डूबना निश्चित है.
उन्होंने आगे कहा, 'संजय सिंह जो कह रहे हैं, उस पर मुझे लगता है कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. मैं इनको सलाह दे रहा हूं कि ये लोग मेंटल हॉस्पिटल में जाकर कुछ दिन इलाज ले हो सकते हैं. इनकी मानसिक बीमारी दूर हो जाए नहीं तो भारतीय संस्कृति के परम आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर के निर्माण में इस तरह का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी और सपा के द्वारा जो अवरोध पैदा किया जा रहा है इसका खामियाजा ये लोग भूगत नहीं पाएंगे.
राष्ट्रीय अध्यक्ष हिंदू रक्षा सेना के महामंडलेश्वर स्वामी प्रमोद आनंद गिरि कहते हैं कि जिनका आप नाम ले रहे हैं शायद उनके बारे में आपको जानकारी होगी. उनका स्वयं का स्वभाव है झूठ छल और प्रपंच के द्वारा राजनीति पर कब्जा करना.
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उन्होंने संजय सिंह पर हमला करते हुए कहा कि वह झूठ का पुलिंदा बनाकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में शामिल होना चाहते हैं. यह हिंदू विरोधी और राम विरोधी गैंग है जिन्होंने कभी भगवान श्री राम के मंदिर के लिए एक पैसा नहीं दिया और वह झूठा गमन का आरोप लगा रहे हैं. मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं.
सरयू आरती समिति के अध्यक्ष शशिकांत दास ने कहा कि निश्चित रूप से संजय सिंह विक्षिप्त हो चुके हैं. राजनीतिक लाभ को लेकर वह तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है और ना ही बीजेपी ने चंदा चोरी की है और ना ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कार्य रुका हुआ है. मंदिर का निर्माण कार्य धड़ल्ले से और बेरोकटोक चल रहा है. निरंतर प्रगति के हिसाब से चल रहा है.
उन्होंने कहा कि संजय सिंह को प्रलाभ करना है. तरह-तरह की बात बोलनी है और वह अपना काम कर रहे हैं क्योंकि उनको राजनीतिक लाभ लेना है. चुनाव आने वाला है. इस तरह से ये लोग बौखला गए हैं.