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अयोध्या लैंड डील: क्या है इलाके में जमीन का मार्केट रेट, क्या कहते हैं प्रॉपर्टी डीलर, आखिर क्यों हुआ विवाद?

अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडे ने जमीन खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मंदिर ट्रस्ट ने उन लोगों से 18 करोड़ रुपये से अधिक में जमीन खरीदी, जिन्होंने इसे महज 2 करोड़ रुपये में खरीदा था.

प्रस्तावित अयोध्या राम मंदिर का मॉडल प्रस्तावित अयोध्या राम मंदिर का मॉडल
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 15 जून 2021,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST
  • अयोध्या जमीन खरीद में कथित घोटाले के बाद हंगामा जारी
  • AAP और सपा नेताओं ने लगाए थे गंभीर आरोप
  • चंपत राय ने कहा कि वे पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध हैं

अयोध्या में जमीन खरीद में कथित घोटाले के सामने आने के बाद हंगामा जारी है. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि वे संगठन में पारदर्शिता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. वहीं, कुछ स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरों का कहना है कि यह वास्तव में एक अच्छी डील मिली है. कुछ स्थानीय डीलरों ने दावा किया कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मार्च में खरीदे गए 12,000 वर्ग मीटर के भूखंड का बाजार मूल्य वास्तव में उसके भुगतान से तीन गुना है.

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इससे पहले, रविवार को अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडे ने जमीन खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मंदिर ट्रस्ट ने उन लोगों से 18 करोड़ रुपये से अधिक में जमीन खरीदी, जिन्होंने इसे महज 2 करोड़ रुपये में खरीदा था. वहीं, अन्य विपक्षी दलों ने भी कथित जमीन घोटाले को लेकर ट्रस्ट पर हमला किया और पूरे मामले की जांच सीबीआई और ईडी से करवाने की मांग की. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हमला बोलते हुए कहा कि इस सौदे ने उन श्रद्धालु के विश्वास के साथ धोखा किया है, जिन्होंने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए पैसे डोनेट किए थे.

पीटीआई के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि ट्रस्ट ने बीते दिनों केंद्र सरकार को अपना स्पष्टीकरण यह कहते हुए भेजा कि उसने तय रेट से अधिक का भुगतान नहीं किया है. चंपत राय ने कहा कि ट्रस्ट उन लोगों को रिलोकेट करने के लिए जमीन खरीद रहा है जिनकी संपत्ति उसने राम मंदिर परिसर के विस्तार के लिए खरीदी है.

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उन्होंने कहा, "हम जमीन की खरीद में पूरी पारदर्शिता बरत रहे हैं." वहीं, कुछ प्रॉपर्टी डीलरों के मुताबिक, ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपये में जो जमीन खरीदी है, उसकी कीमत 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट है. स्थानीय डीलर सौरभ विक्रम सिंह ने इसकी बाजार कीमत 60 करोड़ रुपये से अधिक बताई है.

प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि शुरुआती डील 2017 की थी, जोकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में जमीन की कीमतें बढ़ने के पहले की थी. अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने तब हरीश पाठक और उनकी पत्नी कुसुम पाठक से 2 करोड़ रुपये में प्लॉट संख्या 243, 244 और 246 की 1,29,980 वर्ग फुट जमीन खरीदने पर सहमति जताई थी. 18 मार्च, 2021 को अंसारी और तिवारी ने भुगतान कर दिया और जमीन उन्हें ट्रांसफर कर दी गई. मंदिर ट्रस्ट ने इसे चंपत राय के माध्यम से उनसे 18.4 करोड़ रुपये में इसे खरीदा था.

 

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