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अयोध्या में बन रही मस्जिद के लिए विदेशों से लिया जा सकेगा चंदा, ट्रस्ट ने खुलवाया FCRA अकाउंट

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने 'आजतक' को बताया कि मस्जिद ट्रस्ट का FCRA अकाउंट (फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट) खुलने से मस्जिद ट्रस्ट विदेश के दान-दाताओं से भी मस्जिद निर्माण और इसके परिसर में बन रहे अन्य निर्माण के लिए सीधे अकाउंट में पैसा ले सकता है. 

अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद का अनुमानित चित्र अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद का अनुमानित चित्र
सत्यम मिश्रा
  • अयोध्या ,
  • 16 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST
  • अयोध्या के धन्नीपुर में बन रही मौलवी अहमदुल्लाह शाह मस्जिद
  • विदेशों से लिया जा सकेगा चंदा
  • दिल्ली में खुला FCRA अकाउंट

अयोध्या के धन्नीपुर में बन रही मौलवी अहमदुल्लाह शाह मस्जिद का बुधवार को विदेशी योगदान के लिए एफसीआरए अकाउंट खुल  गया. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने 'आजतक' को बताया कि मस्जिद ट्रस्ट का FCRA अकाउंट (फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट) खुलने से मस्जिद ट्रस्ट बाहर के दान-दाताओं से भी मस्जिद निर्माण और इसके परिसर में बन रहे अन्य निर्माण के लिए सीधे अकाउंट में पैसा ले सकता है. 

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इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने सभी जरूरी प्रक्रिया के अप्रूवल के लिए गृह मंत्रालय में अप्लाई किया है. FCRA अकाउंट एसबीआई ब्रांच में खोला गया है. फाउंडेशन के प्रवक्ता, अतहर हुसैन ने बताया है कि ये अकाउंट दिल्ली के संसद मार्ग स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खोला गया है. 

उन्होंने यह भी बताया कि मस्जिद ट्रस्ट को 80-G का सर्टिफिकेट पहले ही मिल गया था. 80-G का सर्टिफिकेट आयकर कानून का वह सेक्शन है, जो विदेशों से आर्थिक सहयोग देने वाले लोगों को टैक्स में छूट प्रदान करता है. 80-G का सर्टिफिकेट 27 मई को मस्जिद ट्रस्ट को मिला है.  

अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट की प्रस्तावित परियोजना में 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई जो रोजाना लगभग एक हजार लोगों को खिलाएगी, महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर एक अनुसंधान केंद्र और एक मस्जिद शामिल है जो एक बार में दो हजार नमाजियों को समायोजित कर सकती है.

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इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के प्रवक्ता ने आगे कहा कि मस्जिद के लिए कोई क्राउडफंडिंग नहीं होगी. हमारे पास पहले से ही दानकर्ता हैं. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, ट्रस्ट को पांच एकड़ जमीन आवंटित की है.  

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