
अयोध्या में हो रहे राम मंदिर निर्माण को लेकर दिल्ली में आज गुरुवार को एक अहम बैठक हुई. बैठक में बताया गया कि राम मंदिर निर्माण से पहले मंदिर को भूकंपरोधी बनाने के लिए निर्माणस्थल के पास 10 से 12 जगहों पर करीब 100 फीट गहराई तक मिट्टी की टेस्टिंग की गई. चंपत राय के मुताबिक जमीन के नीचे प्लेन कंक्रीट की एक सतह बनाई जाएगी.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर सीबीआरआई रुड़की और आईआईटी चेन्नई इन दोनों का पूरा सहयोग लिया जा रहा है. राम जन्मभूमि में मिट्टी की टेस्टिंग हुई है. 10 से 12 जगहों पर जमीन की टेस्टिंग हुई है और इसी के आधार पर सीबीआरआई और आईआईटी चेन्नई ने भूकंप की टेस्टिंग भी इस इलाके में की है.
भूकंपरोधी बनाया जा रहा मंदिर
चंपत राय ने बताया कि जमीन को 100 फीट गहरे तक टेस्ट किया गया है और कभी भी भविष्य में 100-200 साल बाद कोई भूकंप आता है तो उस भूकंप का क्या परिणाम होगा इसका भी अध्ययन करके लार्सन एंड टूब्रो फाउंडेशन तैयार करेगा.
चंपत राय के मुताबिक यह सरयू नदी का किनारा है, शायद कभी इस इलाके में भूकंप आया हो लेकिन हमारी तैयारी यह है कि भविष्य में अगर कभी भूकंप आता हो तो इस पर कैसे तैयारी रखनी है.
उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर तैयारी यह है कि 30 से 35 मीटर नीचे से खंभे लाने पड़ेंगे. 3 एकड़ जमीन में प्लेन कंक्रीट की एक सतह बनेगी जब इतनी गहराई से ऐसे कदम उठाए जाएंगे तो उसमें किसी भी तरीके के भूकंप को सहने की क्षमता होगी.
यह अनौपचारिक बैठक
बैठक के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि मंदिर को भूकंप से बचाने के लिए जो एक्सपर्ट और प्रोफेसर जुड़े हुए हैं वे लगातार काम कर रहे हैं. निर्णय करने में थोड़ा समय लग जाता है इसीलिए अनौपचारिक तौर पर हम लोग मीटिंग कर रहे थे. ज्यादातर ऐसी मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही थी लेकिन अब हम लोग फेस टू फेस आज मीटिंग करके इस पर कदम बढ़ा रहे हैं.
बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि यह एक अनौपचारिक बैठक थी. इसमें कई अनौपचारिक बातचीत हुई. भविष्य के संबंध में कई प्राथमिक चर्चाएं भी हुईं. किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए ऐसी बैठक होती रहती हैं. आने वाले समय ऐसी ही कई और बैठकें होती रहेंगी.
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बैठक में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा आरएसएस के नेता भैया जी जोशी सहित 10 लोग मौजूद थे. दिल्ली के नेहरू मेमोरियल में करीब ढाई घंटे यह बैठक चली.
जानकारी के मुताबिक इस बैठक में आईआईटी चेन्नई और सीबीआरआई रुड़की के अधिकारी सहित लार्सन एंड टूब्रो के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
भैयाजी जोशी भी बैठक में शामिल
आरएसएस की ओर से भैयाजी जोशी भी इस बैठक में शामिल हुए थे. इस पर श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि हमारा विचार यह है कि 1989 में हमने 3 लाख गांव में करीब 6 करोड़ लोगों को संपर्क किया था. मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने इस भूख को जगाने का काम किया था. करोड़ों लोगों में मंदिर बनाने की भूख लगी तो वह सिर्फ आरएसएस की वजह से हुआ था. अशोक सिंहल उसके माउथपीस थे.
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उन्होंने कहा कि आज हम यह चाहते हैं कि देश के 10 करोड़ घरों तक कैसे जाएं इसके लिए आरएसएस के सामने सारी बातें आनी चाहिए, इसीलिए भैयाजी जोशी को बुलाया गया था इसीलिए वह इस बैठक में शामिल हुए थे.