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अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा के लिए बनेगी स्पेशल फोर्स, सरकार को सौंपा जाएगा मसौदा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ इसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने अयोध्या पहुंचेंगे. लिहाजा, इस पर ऐसे लोगों की भी नजर रहेगी जो देश में अशांति फैलाना चाहते हैं. लिहाजा राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का इस तरह खाका तैयार किया जा रहा है जिससे कहीं कोई चूक ना रह जाए.

राम मंदिर की कलाकृति. -फाइल फोटो राम मंदिर की कलाकृति. -फाइल फोटो
बनबीर सिंह
  • अयोध्या,
  • 31 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:15 AM IST
  • तीन लेयर में हो सकती है सुरक्षा घेरा
  • दिसंबर 2023 से शुरू हो जाएगा क्रियान्वयन

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर दिसंबर 2023 में श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन के लिए खोल दिया जाएगा, जबकि मंदिर के निर्माण का पूरा कार्य 2025 में पूरा होगा. राम मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि श्री राम मंदिर में दर्शन के लिए खोले जाने के साथ ही अयोध्या में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ आएगी, जिसके कारण सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम होने जरूरी हैं. इसीलिए अभी से राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर मंथन शुरू हो गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच इसको लेकर लगातार मंत्रणा का दौर जारी है. यही कारण है कि राम मंदिर निर्माण समिति में बीएसएफ के रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल के.के शर्मा को शामिल किया गया है, जिनकी निगरानी में सुरक्षा व्यवस्था का पूरा खाका खींचा जा रहा है.
 
मंदिर की सुरक्षा का अभूतपूर्व प्लान
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के साथ इसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने अयोध्या पहुंचेंगे. लिहाजा, इस पर ऐसे लोगों की भी नजर रहेगी जो देश में अशांति फैलाना चाहते हैं. लिहाजा राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का इस तरह खाका तैयार किया जा रहा है जिससे कहीं कोई चूक ना रह जाए, इसीलिए नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में बनी राम मंदिर निर्माण समिति में बीएसएफ के रिटायर्ड डीजी केके शर्मा को शामिल किया गया है.

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ऐसा होगा सुरक्षा घेरा
डीजी के निर्देशन और समीक्षा के आधार पर एक स्पेशल फोर्स का गठन किया जाएगा. इस स्पेशल फोर्स में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, सीआरपीएफ, आईएसएफ और सिविल पुलिस के जवान शामिल होंगे. इसको हम इस तरह भी कह सकते हैं कि सुरक्षा का ऐसा घेरा तैयार होगा जिसमें कई लेयर की सिक्योरिटी होगी. जैसे सुरक्षा की शुरुआती पहले घेरे में सिविल पुलिस के जवान तैनात होंगे तो दूसरे घेरे की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के पास होगी. जबकि तीसरे घेरा जो श्री राम जन्मभूमि मंदिर के सबसे करीब होगा. वहां की जिम्मेदारी आईएसएफ और बीएसएफ के जवानों के हाथ में होगी. इस तरह श्री राम जन्मभूमि परिसर की पूरी व्यवस्था अभेद्य किले के रूप में तब्दील की जाएगी. इसका क्रियान्वयन दिसंबर 2023 से श्री राम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने के साथ ही शुरू हो जाएगा. 

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नए प्लान का मसौदा सरकार को सौंपा जाएगा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय की माने तो संबंधित सुरक्षा एजेंसियों से विचार-विमर्श के बाद सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी पूरी योजना सरकार को प्रस्तुत की जाएगी. राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य और बीएसएफ के रिटायर्ड डीजी केके शर्मा इस बारे में सभी सिक्योरिटी पर्सनल से बातचीत कर रहे हैं. इसी बातचीत और विचार विमर्श के बाद वह सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा पूरा प्लान तैयार करेंगे, जिसके बाद नए सुरक्षा प्लान का पूरा खाका सरकार को भेजा जाएगा. जिस पर विचार विमर्श के बाद राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स का गठन होगा. सूत्रों की माने तो इसी स्पेशल फोर्स की अलग-अलग यूनिट अयोध्या के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर और कई अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में तैनात की जाएगी.

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