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Azam Khan Bail: आजम खान को मिल ही गई राहत, SC से अंतरिम जमानत, जानें कब हो सकते हैं रिहा

Azam Khan Bail: समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में करीब 26 महीने से बंद आजम खान अब जेल से बाहर आ सकते हैं.

आजम खान (फाइल फोटो-PTI) आजम खान (फाइल फोटो-PTI)
संजय शर्मा/संतोष शर्मा
  • नई दिल्ली/सीतापुर,
  • 19 मई 2022,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST
  • आजम खान के जेल से बाहर आने का रास्ता क्लियर
  • अंतरिम जमानत की शर्तें तय करेगा ट्रायल कोर्ट

समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद आजम खान की रिहाई का आदेश गुरुवार रात में पहुंचने की उम्मीद है. शुक्रवार सुबह जेल खुलने के बाद आजम खान की रिहाई होगी. सुबह 7:30 बजे सीतापुर जेल खुलेगी और इसके बाद उनकी रिहाई होगी.

गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल कोर्ट से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा. गौरतलब है कि 80 से अधिक मामलों में आजम खान पिछले 26 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं. वह एक केस में जमानत लेते तो दूसरा केस दायर हो जाता. इसके बाद आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां मंगलवार को सुनवाई हुई थी.

Azam Khan Bail Plea Live Update:

1:09 PM: आजम खान की अंतरिम आदेश अगर कल शाम 5.30 तक सीतापुर जेल पहुंचता है तो कल ही वह रिहा हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत की सर्टिफाइड कॉपी रामपुर कोर्ट पहुंचेगी. रामपुर कोर्ट बेल बांड निर्धारित कर दाखिल करने का आदेश देगा. बेल बांड दाखिल होते ही आजम खान की रिहाई का आदेश जारी होगा.

रिहाई आदेश की हार्ड कॉपी विशेष वाहक के जरिए भेजी जाएगी. सीतापुर जेल में जब रिहाई परवाना पहुंचेगा तभी आजम खान जेल से रिहा होंगे. रिहाई आदेश जेल बंद होने से पहले शाम 5:30 बजे से पहले पहुंचेगी तभी आजम खान उस दिन जेल से रिहा होंगे. अगर लेट होता है तो दूसरे दिन यानी शनिवार को रिहा हो पाएंगे.

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11:33 AM: सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए आजम खान को अंतरिम जमानत दी है. आजम खान को ट्रायल कोर्ट से अब तक 88 मामलों में जमानत मिली थी, लेकिन 89वें मामले में जमानत को लेकर ट्रायल शुरू होना था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने संवैधानिक पॉवर का इस्तेमाल करके अंतरिम जमानत दे दी. 

11:29 AM: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान को अंतरिम जमानत देने की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी. वहां से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा.

11:25 AM: सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी है. यह जमानत 89वें मामले में दी गई है. इससे पहले आजम खान को 88 मामलों में जमानत मिल चुकी है.

10:45 AM: आजम खान की जमानत पर फैसला करने वाली पीठ बैठ चुकी है. बस थोड़ी देर में फैसला सुनाया जाएगा.

यूपी सरकार ने किया था जमानत का विरोध

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल राजू ने आजम खान की जमानत का विरोध किया था. उन्होंने कहा था, 'आजम खान ने ये बयान दिया था कि जिस एसडीएम ने मेरे खिलाफ मुकदमे लिखवाए, उसको मैं देख लूंगा. मेरी सरकार आने दो बस.'

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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप ऐसा नहीं कर सकते राजू. बेल अलग मामला है और इसके बाद जेल अलग मामला. कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या उन मामलों में जमानत दी गई थी? इस सवाल पर असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि हां, लेकिन वह आदतन अपराधी है. जमानत नहीं दिए जाने का ये एक आधार है.

कपिल सिब्बल ने रखी थी ये दलीलें

असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने ये आरोप भी लगाया था कि आजम खान ने पूछताछ करने गए जांच अधिकारी को भी धमकी दी थी. आजम खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में एक ही शिकायतकर्ता ने पूरक शिकायत की है. आगे की जांच के लिए कोर्ट की ओर से मंजूरी नहीं दी गई है. वे खुद ही जांच कर रहे हैं जबकि ये केस 13 साल बाद दर्ज हुआ है. ये क्या हो रहा है? आजम खान के वकील ने ये भी कहा कि हम स्कूल नहीं चलाते. हमने कुछ भी नहीं किया है.

सरकार के वकील ने कहा- आजम खान भूमाफिया हैं

आजम खान को किसी भी तरह की राहत का विरोध करते हुए असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने कहा था कि करीब 19 मामले दर्ज हैं. उनकी ओर से ये याचिका केवल सहानुभूति के लिए दायर की गई है. वे भूमाफिया हैं. नया मामला फर्जी दस्तावेज से स्कूल को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कराने का है. केस दर्ज कराने वाले अधिकारी को धमकाने का भी मामला है.

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