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'मुझे एनकाउंटर की धमकी दी गई है...', सीतापुर जेल से रामपुर पहुंचे आजम खान का आरोप

Azam Khan ने जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उनका लहजा पुराना वाला ही था जिसके लिए वो जाने जाते हैं. उन्होंने ज्ञानवापी विवाद पर भी बयान दिया है.

Azam Khan 27 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं (फाइल फोटो) Azam Khan 27 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं (फाइल फोटो)
मिलन शर्मा
  • लखनऊ,
  • 20 मई 2022,
  • अपडेटेड 9:03 PM IST
  • आजम खान जेल से छूटे
  • 27 महीने से थे बंद

सपा नेता आजम खान सीतापुर की जेल से बाहर आने के बाद पहली बार मीडिया से रामपुर में मुखातिब हुए तो उनका अंदाज वही था जिसके लिए वो जाने जाते हैं. उन्होंने पुराने अंदाज में कहा, ' मुझे इतना करोना हुआ, मैं तब भी नहीं मरा, मेरे चाहने वालों ने कोशिश बहुत की...मैं तब भी जिंदा हूं'. 

आजम खान ने आगे कहा, 'मुझे एनकाउंटर की धमकी दी गई है. मैंने हमेशा अपने ईमान को साबित करने की कोशिश की है. मुझे सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है. आजम खान ने आगे शायराना अंदाज में कहा, 'मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है. मेरे अपने लोगों का बड़ा योगदान है'.

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इससे पहले उन्होंने ज्ञानवापी विवाद पर कहा कि ये मुद्दा बाबरी मस्जिद से थोड़ा अलग है क्योंकि इस पर सुनवाई 2-3 हफ्तों में हुई है और बाबरी मस्जिद का मामला सालों तक चला है. आजम खान ने कहा इस पर अभी कुछ भी कहना इस वक्त गलत होगा और मुल्क के माहौल को खराब करने का काम करेगा.

वहीं जब उनसे पूछा गया कि उनका नाम विपक्ष के नेता के तौर पर क्यों नहीं है तो आजम खान ने कहा चिरपरिचित शैली में जवाब दिया, 'क्योंकि मैं उससे भी बड़ा नेता हूं.' आजम खान ने कहा कि वो उप चुनाव लड़ेंगे.

गौरतलब उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में 27 महीने गुजारने के बाद सपा नेता आजम खान शुक्रवार को जमानत पर रिहा हुए हैं. आजम खान सीतापुर जेल से लेने के लिए दोनों बेटों, शिवपाल यादव और तमाम समर्थक मौके पर मौजूद थे. सीतापुर में सपा के पूर्व विधायक अनूप गुप्‍ता के घर नाश्ता करने के बाद आजम खान अपने घर रामपुर के लिए रवाना हो गए.

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आजम की रिहाई के समय उनकी पार्टी सपा से कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था. हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश ने ट्वीट कर आजम की रिहाई का स्वागत किया. उन्होंने लिखा,  सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक मा. श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है. जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं. पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे. झूठ के लम्हे होते हैं, सदियाँ नहीं!'.

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