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महाराजा सुहेलदेव के नाम पर होगी आजमगढ़ यूनिवर्सिटी, अमित शाह के सुझाव पर सीएम योगी की मुहर

अमित शाह के सुझाव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तुरंत ही ये ऐलान भी कर दिया. सीएम योगी ने ऐलान किया कि आजमगढ़ में बन रहे इस विश्वविद्यालय का नामकरण महाराजा सुहेलदेव के नाम पर किया जाएगा.

योगी आदित्यनाथ योगी आदित्यनाथ
अभिषेक मिश्रा
  • आजमगढ़,
  • 13 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 5:01 PM IST
  • सीएम योगी ने दिए आजमगढ़ का नाम आर्यमगढ़ करने के संकेत
  • अमित शाह ने दिया था सुहेलदेव के नाम यूनिवर्सिटी का सुझाव 

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ने लगी है. विपक्षी दलों के साथ ही सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नजरें भी करीब-करीब एक तिहाई सीटों वाले पूर्वांचल को साधने, जातिगत और अन्य समीकरण दुरुस्त करने पर लगी हैं. शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में थे. गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा सुप्रीमो के संसदीय क्षेत्र में स्टेट यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी.

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अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर करने का सुझाव दिया था. अमित शाह के सुझाव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तुरंत ही ये ऐलान भी कर दिया. सीएम योगी ने ऐलान किया कि आजमगढ़ में बन रहे इस विश्वविद्यालय का नामकरण महाराजा सुहेलदेव के नाम पर किया जाएगा.

सीएम योगी ने साथ ही ये भी कहा कि ये विश्वविद्यालय आजमगढ़ को आर्यमगढ़ बनाकर ही रहेगा. गौरतलब है कि यूपी सरकार पर शहरों के नाम बदलने के आरोप सपा की ओर से लगाए जाते रहे हैं. अब सीएम ने सपा सुप्रीमो के संसदीय क्षेत्र में भी नाम बदलने की कवायद के संकेत दे दिए हैं. साथ ही राजभर मतदाताओं को साधने के लिए महाराजा सुहेलदेव के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाने का कार्ड भी खेल दिया है.

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बता दें कि पिछले चुनाव में राजभर नेता और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरे थे. इसबार ओमप्रकाश राजभर सपा के साथ गठबंधन का ऐलान कर चुके हैं. आजमगढ़ में बन रही यूनिवर्सिटी का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखने के ऐलान को ओमप्रकाश राजभर से गठबंधन टूटने और उनके सपा के साथ जाने के बाद राजभर मतदाताओं को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

पूर्वांचल में राजभर जाति के मतदाताओं की अच्छी तादाद है. राजभर जाति के मतदाता पूर्वांचल की तकरीबन 40 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले राजभर सियासत के केंद्र में आ गए हैं.

 

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