
सीता माता की तरह जमीन से निकली बच्ची अब मौत से लड़ते-लड़ते मजबूती से अपनी जिंदगी की डोर पकड़ रही है, श्मशान घाट में मटके में बंद मिली बच्ची की इलाज से लेकर पढ़ाई तक की सारी जिम्मेदारी उठाने का बीड़ा उठाया है बरेली विथरी से बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पापु भरतोल ने. वहीं पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास और माता-पिता के खिलाफ नवजात शिशु के प्रति लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश की जा रही है.
श्मशान घाट में जमीन के नीचे मटकी में दबी मिली बच्ची का बचना लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. जमीन के नीचे घड़े में मिलने के चलते इसका नाम सीता रखा गया है. सब लोग आश्चर्यचकित है कि कैसे ये जिंदा निकली. बिना हवा, पानी और दूध के 50 घंटे से भी ज्यादा देर जमीन के अंदर जिंदा रही.
कैसे बच्ची जिंदा निकली?
बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर रवि खन्ना का कहना है कि ये ईश्वर की महिमा के साथ कुदरत की व्यवस्था भी है. कुदरत ने बच्चों के जिस्म में ब्राउन फैट नाम का पदार्थ होता है जो उनके पेट, जांघ और गालो में होता है जो खाना न मिलने की स्थिति में बच्चों को वैकल्पिक भोजन में बदल जाता है, इस बच्ची के साथ भी ऐसा ही हुआ. इसके जांघों से लेकर गाल तक के ब्राउन फैट ने सीता को जमीन के अंदर जिंदा रखा.
बरेली के एक परिवार की महिला दरोगा वैशाली ने एक प्रीमेच्योर बच्ची को जन्म दिया, जिसकी जन्म के कुछ देर बाद ही मौत हो गई. परिवार अपनी नवजात बच्ची को दफनाने शमशान घाट गया और दफनाने के लिए जैसे ही थोड़ा गड्ढा खोदा तो जमीन के अंदर से एक बच्ची की रोने की आवाज आई, साथ आए लोग डर कर भाग गए और भागते भागते श्मशान के चौकीदार के पास पहुंचे और फिर हिम्मत करके चौकीदार के साथ वापस आ कर देखा तो गड्ढे में एक नवजात बच्ची थी.
एक बच्ची जो जमीन में एक घड़े में जिंदा दफन थी, फावड़े से घड़ा फूटने से वह रोने लगी थी. बच्ची को मृतक नवजात के पिता हीतेश ने और वहां मौजूद अन्य लोगों और पुलिस की मदद से श्मशान से जिला अस्पताल के नवजात केअर सेंटर में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालात स्थिर बनी हुई थी.
तलाश में जुटी पुलिस
स्थानीय लोग उसे जमीन से निकलने के कारण सीता कह रहे हैं, तो वहीं पुलिस ने इस अमानवीय कृत्य करने वालों की तलाश ते कर दी है. पुलिस के अधिकारियों में भी उन माता-पिता के प्रति रोष है जिन्होंने एक बच्ची को जिंदा दफना दिया.
जब इस नवजात बच्ची के बारे में विथरी के बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पापु भरतोल को मालूम चला तो उन्होंने मानवीय दृटिकोण का परिचय देते हुए सीता नामक बच्ची को जिला अस्पताल से प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया और इसके इलाज से लेकर परवरिश तक का सारा खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली. वो रोज खुद और पत्नी के साथ बच्ची का हाल चाल लेने हॉस्पिटल जाते हैं.
बच्ची फिलहाल ठीक है पर उसे जमीन के अंदर दफनाने वाले गुनहगार अभी भी कानून के शिकंजे से बाहर हैं. बरेली के एसपी सिटी अभिनदंन सिंह ने बताया कि बच्ची को घड़े में मरने के लिए रखने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास और माता-पिता के खिलाफ 12 साल से कम उम्र के बच्चों को लापरवाही से छोड़ने के मामले में केस दर्ज किया गया है और पुलिस उनकी जबरदस्त तलाश कर रही है.