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बरेली के 'लव जिहाद' मामलों में नए कानून के गलत इस्तेमाल का आरोप, पुलिस पर भी सवाल

बरेली के एसएसपी संसार सिंह ने कहा कि पहले मामला लड़की की शादी होने के बाद सामने आया था जबकि दूसरे मामले में एफआईआर की तारीख नया कानून लागू होने से पहले की है. एसएसपी ने कहा है कि मुकदमों में कई एंगल हैं, जिसके कारण कानून का दुरुपयोग होने की संभावना है. ऐसे में दोनोंं मामलों की गहन तफ्तीश की जा रही है. 

'लव जिहाद' का पहला मामला बरेली में दर्ज हुआ था 'लव जिहाद' का पहला मामला बरेली में दर्ज हुआ था
अभिषेक मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 07 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST
  • बरेली में पहला केस दर्ज हुआ था
  • आरोपी पक्ष ने योगी सरकार को घेरा
  • पुलिस बोली- गहन तफ्तीश जारी है

उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश पारित होने के बाद बरेली में 'लव जिहाद' को लेकर दो मामले दर्ज हुए थे. अब इन मामलों में आरोपी के पक्ष वालों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. 

एक तरफ पीड़ित परिवारों का कहना है कि लड़की को आरोपियों की ओर से धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया. वहीं, दूसरी तरफ आरोपी के पक्ष का कहना है कि इस अध्यादेश में किसी धर्म का नाम नहीं है, लेकिन योगी सरकार द्वारा तथाकथित 'लव जिहाद' को लागू करने के उद्देश्य से इसे लाया गया है. इसका लड़की के परिवार की ओर से गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.  

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शरीफनगर, बरेली के रहने वाले टीकाराम ने अपने पड़ोसी उवैस अहमद (21) के खिलाफ बेटी के जबरन धर्म परिवर्तन और शादी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. टीकाराम की शिकायत पर अहमद को चार दिन बाद गिरफ्तार किया गया था. अहमद नए कानून के तहत गिरफ्तार होने वाला पहला आरोपी है. 

इंडिया टुडे से बातचीत में उवैस अहमद के पिता रफीक और मां मुन्नी ने कहा कि नए कानून की आड़ में बेटे पर आरोप लगाकर लड़की के परिवार ने नया मामला दर्ज कराया है, जबकि पुराने मामले को उनके द्वारा सुलझा लिया गया था. उन्होंने बताया कि 2019 में लड़की ने अपनी इच्छा से भागने के लिए कहा था, जहां पुलिस ने उसे बरामद करने के बाद पहले से ही एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की है. लड़की ने पहले के मामले में अहमद से कोई संबंध नहीं होने के बारे में लिखित में दिया था, लेकिन अब नए कानून के तहत गलत मामला दर्ज किया गया है. वहीं, इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार अब चुप है.

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एक अन्य मामले में, इज्जतनगर में एक महिला 27 नवंबर को ताहिर हुसैन (21) नाम के शख्स के खिलाफ शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंची, जिसे उसने अपने पति के तौर पर बताया. पीड़िता के मुताबिक, हुसैन ने शादी के बाद उस पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया. पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित नए कानून के तहत मामला दर्ज करना चाहता थी. बाद में ताहिर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया था. ताहिर के परिवार ने लड़की द्वारा फंसाए जाने की बात कही है.

इंडिया टुडे से बात करते हुए बरेली के एसएसपी संसार सिंह ने कहा कि पहले मामला लड़की की शादी होने के बाद सामने आया था जबकि दूसरे मामले में एफआईआर की तारीख नया कानून लागू होने से पहले की है. एसएसपी ने कहा है कि मुकदमों में कई एंगल हैं, जिसके कारण कानून का दुरुपयोग होने की संभावना है. ऐसे में दोनोंं मामलों की गहन तफ्तीश की जा रही है. 

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