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यूपी पुलिस का गर्ल्स हॉस्टल पर कब्जा! रखवाली के लिए आई थी, अब हटने का नाम नहीं ले रही

बस्ती मेडिकल कॉलेज की स्थापना के समय रखवाली के लिए पुलिस को नर्स हॉस्टल में रहने के लिए अस्थाई जगह दी गई थी. मगर, अब बस्ती पुलिस यहां से हटने का नाम नहीं ले रही है. कॉलेज की तरफ से दो बार एसपी को पत्र लिखा जा चुका है. इसके बावजूद पुलिस चौकी गर्ल्स हॉस्टल में ही चल रही है.

बस्ती मेडिकल कॉलेज के नर्स हॉस्टल में बनी पुलिस चौकी. बस्ती मेडिकल कॉलेज के नर्स हॉस्टल में बनी पुलिस चौकी.
संतोष सिंह
  • बस्ती,
  • 28 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:56 PM IST

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस के कारनामों से हर कोई वाकिफ है. मगर, अब जो मामला सामने आया है, वह हैरान करने वाला है. आपने अमूमन सुना होगा कि दबंग ने किसी जमीन, घर या अन्य इमारत पर कब्जा जमाया हो. मगर, कभी सुना है कि कब्जा पुलिस ने ही किया हो. वह भी किसी गर्ल्स हॉस्टल पर.

अगर, नहीं तो आज सुन लीजिए. मामला यूपी के बस्ती से सामने आया है. दरअसल, बस्ती मेडिकल कॉलेज की जब स्थापना हुई थी, तो कॉलेज की रखवाली के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को अस्थाई तौर पर लड़कियों के ठहरने के लिए बनाए गए गर्ल्स हॉस्टल में रहने की जगह दी थी. इसे नर्स हॉस्टल बनाया जाना था. 

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कहा गया था कि जब स्थाई चौकी का निर्माण होगा, तो पुलिस उसमें शिफ्ट की जाएगी. मगर, अब पुलिस गर्ल्स हॉस्टल में कब्जा जमाकर बैठ गई है और हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. थक-हारकर बस्ती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दो बार बस्ती पुलिस अधीक्षक से पत्र लिखकर जगह नर्स हॉस्टल खाली करने का आग्रह किया है.

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दूसरी बार प्रिंसिपल ने लिखा पत्र  

एसपी को लिखे पत्र में महर्षि वशिष्ठ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय रामपुर के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार ने लिखा, ''महाविद्यालय के कैंपस में स्थापित पुलिस चौकी नर्सिंग हॉस्टल में चल रही है. साथ ही इस हॉस्टल में पुलिसकर्मी भी रहते हैं. मेडिकल कॉलेज कैंपस के नर्सिंग हॉस्टल में स्थापित पुलिस चौकी और यहां रह रहे पुलिसकर्मियों को यहां से हटवाकर हॉस्टल खाली कराने के लिए मांग पूर्व में भी की गई थी.''

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उन्होंने आगे लिखा, ''वर्तमान में उत्तर प्रदेश नर्सेज एवं मिडवाइब्ज काउंसिल लखनऊ स्तर से बीएससी नर्सिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 60 सीट की अनुमति प्रदान की गई है. अक्टूबर 2022 के अंतिम सप्ताह में बीएससी नर्सिंग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए छात्राएं आ गई हैं. मगर, वर्तमान में छात्राओं के हॉस्टल में पुलिसकर्मी रह रहे हैं. ऐसे में अनुरोध है कि हॉस्टल में चल रही रामपुर चौकी और यहां रह रहे पुलिसकर्मियों से हॉस्टल खाली कराएं, जिससे नर्सिंग की छात्राएं यहां निवास कर सकें.''

हॉस्टल के कमरों में रखा पुलिसकर्मियों का सामान.

14 कमरे, आठ पर पुलिस का कब्जा 

साल 2018 से चली आ रही यह व्यवस्था अब नर्सिंग की छात्राओं पर भारी पड़ रही है. अक्टूबर 2022 में पहली काउंसलिंग के बाद 53 छात्राओं का चयन किया जा चुका है. इनकी कक्षाएं भी 16 नवंबर से शुरू हो गई हैं, लेकिन हॉस्टल खाली न होने के कारण प्रवेश लेने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों की रहने वालीं छात्राएं क्लास अटैंड नहीं कर पा रही हैं.

आलम यह है कि रहने की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्राएं वापस अपने घर लौट गई हैं. छात्राएं हॉस्टल खाली होने का इंतजार कर रही हैं. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बस्ती के एसपी को दो बार पत्र लिखकर हॉस्टल खाली कराने की मांग की है. मेडिकल कॉलेज परिसर में बने 14 कमरों के इस छात्रावास के आठ कमरों में चौकी चल रही है और पुलिसकर्मी भी रह रहे हैं.

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बस्ती के एडिशनल एसपी ने कही यह बात

इस मामले में एडिशनल एसपी दीपेंद्र चौधरी का कहना है कि रामपुर मेडिकल कॉलेज कैंपस में पुलिस चौकी है. चौकी इसलिए बनाई गई थी कि कॉलेज की छात्राओं को परेशानी होती थी. शरारती तत्व कार्य में बाधा डालते थे. अब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पत्र लिखकर चौकी कहीं और बनाने की बात कही है. मगर, जब तक स्थाई व्यवस्था न हो जाए, तब तक चौकी हटाना संभव नहीं है. गर्ल्स हॉस्टल के 6 कमरों से कब्जा हटवाकर चौकी को सीमित कराया जाएगा.

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