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सलमान पर फैसले से पहले बांदा में एक और काला हिरण बना शिकार

अगर वन विभाग के दरोगा हिरण को साइकिल में रस्सियों से बुरी तरह बांधकर यहां-वहां घुमाने की बजाय समय रहते पशु अस्पताल पहुंचा देते तो काले हिरण को मरने से बचाया जा सकता था.

काला हिरण काला हिरण
कुमार अभिषेक/वरुण शैलेश
  • लखनऊ,
  • 06 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST

विलुप्त होते काले हिरण के शिकार की वजह से भले ही सलमान खान को 5 साल की जेल हो गई हो, लेकिन संरक्षित श्रेणी के इन हिरणों के प्रति यूपी का वन विभाग कितना जागरूक है, इसकी बानगी बांदा में देखने को मिली. जब सलमान खान पर आए फैसले से ठीक पहले एक काला हिरण सिस्टम की लापरवाही की वजह से मौत का शिकार हो गया.

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अगर वन विभाग के दरोगा हिरण को साइकिल के कैरियर में रस्सियों से बुरी तरह बांधकर यहां वहां घुमाने की बजाय समय रहते पशु अस्पताल पहुंचा देते तो काले हिरण को मरने से बचाया जा सकता था. यह काला हिरण आवारा कुत्तों के हमले का शिकार हो गया था , जिसका इलाज कराने की बजाय वन दरोगा ने उसको एक पशु बाड़े में फेंकवा दिया और अगले दिन साइकिल में बांधकर अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्य पशु अधिकारी डॉ वीपी सिंह ने तिंदवारी पशु अस्पताल में काले हिरण के मौत की घटना की पुष्टि की है.

वन विभाग ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे दफना दिया. जिला पशु अधिकारी डॉ. वीपी सिंह ने बताया कि तिंदवारी अस्पताल के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. नंदलाल कुशवाहा के पास मंगलवार सुबह करीब 11 बजे वन दरोगा राम प्रसाद हिरण को मृत अवस्था में लाए थे. हिरण के गले के पास गहरा घाव था. एक पैर में फ्रैक्चर था. अत्यधिक खून बह जाने और तत्काल इलाज न मिलने से हिरण की मौत हो गई.

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उधर, वन दरोगा ने बताया कि सोमवार को रात आठ बजे चिल्ला थानाध्यक्ष ने उन्हें फोन पर हिरण के घायल होने की सूचना दी थी. वह तत्काल वन रक्षक के साथ महेदू पहुंच गए थे. रात में भरौड़ा गांव में रख दिया. मंगलवार को पशु चिकित्सालय में शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मूंगुस गांव की पौधशाला में दफना दिया गया. इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हिरण हैं. इसमें कुछ काले हिरण भी हैं. ये वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित हैं. इन हिरणों की संख्या घट भी रही है.

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