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BHU लाठीचार्ज: 'हम नवरात्र में कन्याओं को पूजते हैं, वो लाठियां बरसा रहे हैं'

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि, "बल से नहीं बातचीत से हल निकाले सरकार. बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय है. दोषियों पर हो करवाई. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि, "बल से नहीं बातचीत से हल निकाले सरकार. बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय है. दोषियों पर हो करवाई.

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आदित्य बिड़वई/आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST

बनारस के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में कथित छेड़खानी के विरोध में प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर हुए पुलिस के लाठी चार्ज का चौतरफा विरोध हो रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के कमिश्नर से बीएचयू के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है. वहीं कई विपक्षी नेताओं ने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि, 'क्या यही है भाजपा का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ.'

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वहीं, लाठीचार्ज पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है कि क्या, "बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ केवल एक नारा है? बीएचयू की छात्राओं पर बर्बर लाठी चार्ज की मैं निंदा करता हूं. उनकी मांग केवल सुरक्षा थी, क्या यह मांग अनुचित थी? हम नवरात्रि में कन्याओं को पूजते हैं और यह तथाकथित हिन्दुत्व के ठेकेदार कन्याओं पर लाठी बरसा रहे हैं."

इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि, "बल से नहीं बातचीत से हल निकाले सरकार. बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय है. दोषियों पर हो करवाई."

आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लाठीचार्ज और योगी सरकार की कड़ी आलोचना की. उन्होंने लिखा कि, 'ये रात बहुत भारी पड़ेगी सत्ता के अहंकार को,नवरात्र में दुर्गा की प्रतिरूप बेटियों पर सरकारी लाठियां? सांसद महोदय अपनी वापसी की घंटियां सुनो."

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कुमार विश्वास ने 'आजतक' से बातचीत में कहा, 'जो प्राथमिक दृश्य मैंने देखे, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय केवल एक विश्वविद्यालय नहीं है, विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस का प्रवेश करना ही किसी भी शासन व्यवस्था के माथे पर बदनुमा दाग है, जिसमें आप लाल किले से भाषण दे लो या विश्व के किसी दूसरे देश में नारी लगवा लो, दोनों जगह आपका चेहरा काला ही दिखाई देता है'. विश्वासने सीधे-सीधे कुलपति को बर्खास्त करने की मांग करते हुए इस मामले के लिए योगी सरकारको जिम्मेदार ठहराया है.

जदयू नेता शरद यादव ने ट्वीट किया है, "बीएचयू के छात्रों और लड़कियों पर लाठीचार्ज निंदनीय है, क्योंकि यह अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाना है, यह पहले कभी नहीं हुआ."

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि, "सिर्फ एक बर्बर सरकार ही लाठियों से लैस पुरूष पुलिसकर्मियों का छात्राओं के खिलाफ इस्तेमाल करती है. भाजपा-आरएसएस विद्यार्थियों से इतने डरे हुए क्यों हैं?"

बता दें कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन के बाद बीती रात पूरा परिसर छावनी में तब्दील हो गया. शनिवार की रात कुलपति आवास के पास पहुंचे छात्र-छात्राओं पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कुछ विद्यार्थी घायल हो गए. छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उन पर भी लाठीचार्ज किया. इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. सभी विद्यार्थी संस्थान में गुरुवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे.

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विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने हालात के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय को दो अक्तूबर तक बंद रखने का आदेश दिया है. उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया है. उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी अराजक तत्व हैं जो छात्राओं को आगे कर संस्थान की गरिमा को धूमिल करना चाहते हैं.

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