
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के धर्मशास्त्र मीमांसा विभाग के प्रोफेसर माधव जनार्दन ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले प्राचीन स्तंभ के नंदीकेश्वर शिवलिंग होने का दावा किया है.
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में धर्मशास्त्र मीमांसा विभाग के प्रोफेसर ने आज तक को बताया कि स्कंद पुराण के काशी खंड के अनुसार ज्ञानवापी की उत्तर दिशा में नंदी और की ओर से स्थापित नंदीकेश्वर प्रतिष्ठित है. यह नंदीकेश्वर उत्तर दिशा से ज्ञानवापी के चल की रक्षा करते हैं.
प्रोफेसर ने स्कंद पुराण सामने रखकर श्लोक पढ़ कर समझाया कि काशी खंड के 61 अध्याय का 143 वां श्लोक इस बात का प्रमाण है. स्कंद पुराण में इस बात का जिक्र है कि नदी से ठीक उत्तर दिशा की ओर नंदीकेश्वर हैं और वही शिवलिंग मिला है.
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उन्होंने कहा कि उत्तर में नंदीकेश्वर हैं वह सदैव रक्षा करते रहते हैं. ज्ञानवापी के उत्तर नंदीश्वर के दर्शन करने से महादेव के गड़ की पदवी प्राप्त होती है. यह स्कंद पुराण के काशी खंड के तीसरे भाग में लिखी हैं
उनके मुताबिक राजिया मस्जिद की जो जगह है वहीं पर ज्योतिर्लिंग यानी कि आदि विश्वेश्वर हैं. उस मस्जिद के अंदर अगर सर्वे हो तब शायद स्थिति साफ हो पाए. स्कंदपुराण्ड में ज्ञानवापी से उत्तर दिशा में आदि विश्वेश्वर का स्थान बताया गया है और वहीं पर राजिया मस्जिद है. यह जो लिंग मिला है यह विश्वेश्वर तो नहीं हो सकते यह नंदीकेश्वर हो सकते हैं.