
दरअसल धामपुर के रहने वाले अजीम की शादी 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हुई. निकाह के बाद विदाई 4 दिसंबर को होने वाली थी. दूल्हे के परिवार वाले विदाई की तैयारियों में जुटे थे लेकिन लड़की वाले चाहते थे कि लड़के वाले दोबारा धूमधाम से बारात लेकर आएं.
लड़की का निकाह भी धूमधाम से हो. दोनों पक्षों में इस बात को लेकर अनबन हो गई. लड़के वालों ने बार-बार कहा कि सामूहिक विवाह के कार्यक्रम में शादी हो चुकी है. ऐसे में दोबारा निकाह क्यों होगा?
इस बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद मामला ज्यादा बढ़ गया और नौबत हाथापाई तक आ गई. दरअसल लड़की की विदाई कराने केवल 10 से 12 लोग लड़की वालों के घर आए थे. मारपीट होते ही लड़की ने लड़के के साथ जाने से मना कर दिया.
घटना की शिकायत जैसी ही पुलिस को मिली, पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुला लिया. बाद में लड़की और लड़के ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया. तलाक के बाद लड़के के परिवार वाले अपने रिश्तेदारों के साथ लौट गए, वहीं लड़की वालों ने अपनी लड़की की शादी एक रिश्तेदार के यहां करा दी. मारपीट की शिकायत भी थाने में नहीं दी गई.
इस मामले पर हल्दौर पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों में विवाद हुआ था, जिसकी सूचना पर पुलिस दोनों पक्षों को थाने लेकर आई थी. पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता करा दिया था. कोई पक्ष दहेज की बात कर रहा था तो किसी का दावा था कि बारात देर से आई. बाद में दोनों पक्षों में लिखित समझौता हो गया. पुलिस ने दोनों पक्षों पर कोई कार्रवाई नहीं की, समझा-बुझाकर वापस भेज दिया गया.