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दलित वोट बैंक साधने में जुटी बीएसपी और बीजेपी, शाह-मायावती ने एक-दूसरे को कोसा

मायावाती ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा साहेब के नाम पर कुछ आधे-अधूरे स्मारक बनाकर बीजेपी को ये गलत फहमी नहीं होनी चाहिए कि दलित वोट उसके हो जाएंगें, वहींअमित शाह ने कहा कि यूपी मे बहुजन समाज पार्टी ने दलितों का सिर्फ उपयोग किया है.

मायावती और अमित शाह मायावती और अमित शाह
स्‍वपनल सोनल/अनूप श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 04 जून 2016,
  • अपडेटेड 11:18 PM IST

यूपी में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही दलित वोट साधने की कवायद भी शुरू हो गई है. शनिवार को इस वोट बैंक पर कब्जा जमाने की जुगत में बीएसपी सुप्रीमो मायावती और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह आमने-सामने आ गए.

पहले मायावाती ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा साहेब के नाम पर कुछ आधे-अधूरे स्मारक बनाकर बीजेपी को ये गलत फहमी नहीं होनी चाहिए कि दलित वोट उसके हो जाएंगें, वहीं शाम को लखनऊ के राममनोहर लोहि‍या यूनि‍वर्सि‍टी मे आयोजित दलित स्‍वाभि‍मान महासम्‍मेलन मे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शि‍र‍कत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यूपी मे बहुजन समाज पार्टी ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया, बल्कि उनका सिर्फ उपयोग किया है.

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'कांग्रेस ने रोका था बाबा साहब का रास्ता'
बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा, 'प्रदेश की जनता को लोकसभा चुनावों में पार्टी को 73 सीटों पर जीत दिलाने के लिए धन्यवाद. हम यूपी की दलित जनता के शुक्रगुजार हैं.' कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में कई वर्षों तक एक ही परिवार ने कब्जा जमाया था. लेकिन इसी कांग्रेस सरकार ने बाबा साहब को लोकसभा में जाने से रोकने के लिए तमाम कोशि‍शें की थी.

बीजेपी कर रही है नाटकबाजी: मायावती
दूसरी ओर, मायावती ने कहा, 'बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए बीजेपी ने काफी नाटकबाजी की है. केंद्र सरकार ने बाबा साहब के जीवन से जुड़े दो तीन-स्थानों पर छोटे संग्रहालय व स्मारक आदि बनाने की भी घोषणा की है, जिस पर अभी अमल होना बाकी है. लेकिन अगर इन सबको मिला दिया जाए तो लखनऊ में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित भव्य डॉक्टर स्मारक अकेला उन सब पर हर मामले में काफी ज्यादा पड़ेगा.'

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शाह के दलित के घर खाना खाने पर साधा निशाना
मायावती ने कहा कि लखनऊ के डॉ. स्मारक स्थल देश के दलितों के आत्मसम्मान और स्वाभिमान का मूल प्रतीक है. इसका अपना ऐतिहासिक महत्व है और अब ये नए रूप में ये डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा, 'मेरा यह भी कहना है कि बीजेपी के लोगों को शायद ये गलतफहमी है कि बाबा साहब के जीवन से जुड़े कुछ स्थान स्मारक और संग्राहलय को परिवर्तित करने से और दलितों के घरो में ठहरने से, उनके साथ खाना खाने से ये लोग देश के समूचे दलित समाज का वोट स्थापित कर लेंगें.'

बीजेपी राज में दलितों पर बढ़ा अत्याचार
यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने से दलितों के ऊपर जुर्म की वारदात ज्यादा बढ़ी है. छात्रों और बुद्धिजीवी तबके को भी सरकारी स्तर पर शोषण व उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है. रोहित वेमूला का मामला इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है, जिसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया. उनके परिवार वालों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है.

बीएसपी ने दलितों का अपमान किया: शाह
उधर, शाम कानपुर से लखनऊ पहुंचे अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी वर्गों का खास ध्यान रखा है. सपा और बीएसपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, 'बीएसपी ने दलितों का अपमान किया है. यही नहीं अमित शाह ने सपा पर प्रहार करते हुए कहा कि सपा जब-जब सत्ता में आई, तब तब दलितों का शोषण किया.' उन्होने कहा कि हमारा मुकाबला सपा से है और आने वाले समय में प्रदेश की जनता सपा सरकार का सफाया कर देगी.

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अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार दलितों, पिछड़ों और गरीबों की सरकार है. उन्होंने कहा कि जनधन से करोड़ों गरीबों के बैंक खाते खुले हैं और सरकार ने गरीबों, पिछड़ों और दलितों के लिए काफी काम किया है. इस दौरान शाह ने दावा करते हुए कहा कि प्रदेश में जितनी भी आरक्षित सीटे हैं उस पर बीजेपी अपना परचम लहराएगी.

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