
यूपी के गाजीपुर में बड़े दिनों से चल रहीं अटकलों पर आखिरकार विराम लग ही गया. बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सैदपुर प्रथम से निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य सपना सिंह को सदस्यता दिलाने के एक घंटे बाद नाटकीय ढंग से पत्र के माध्यम से प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसकी घोषणा लिखित रूप से बीजेपी के जिला प्रभारी और बीजेपी प्रदेश इकाई के बड़े नेता कौशलेंद्र सिंह पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर की. उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने दिलाई.
उल्लेखनीय है कि 26 जून को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन शुरू होगा. भाजपा प्रत्याशी भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ मुकेश सिंह की छोटी भाभी और एमएलसी विशाल सिंह चंचल की रिश्तेदार भी हैं और इस दावेदारी के लिए खूब पेशबंदी भी हुई थी, जिसके चलते कई राउंड का शक्ति परीक्षण यहां से लखनऊ प्रदेश कार्यालय तक हुआ और आज अंत में सपना सिंह पर ही मुहर लग गई.
मालूम हो कि भाजपा जिला इकाई ने पहले मात्र एक नाम वंदना यादव का ही भेजा था जो पूर्व सांसद और वर्तमान एलजी जम्मू-कश्मीर के काफी करीबी मानी जाती हैं, लेकिन वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सपना सिंह ने जहां अपने निकटतम सपा उम्मीदवार श्रीमती अंजना सिंह जो पूर्व सपा सांसद राधेमोहन सिंह की पत्नी थी, उनको हराया था बल्कि भाजपा प्रत्याशी की जमानत तक जब्त करवा चुकी हैं.
सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष सामान्य महिला सीट से जमानियां क्षेत्र से जीत कर आई कुसुमलता यादव जो पिछड़े वर्ग से आती हैं, उनको प्रत्याशी घोषित कर रखा है. बसपा ने अभी तक पत्ता नहीं खोला है, सूत्रों की मानें तो बसपा के पास कुल एक दर्जन वोटर हैं और माना जा रहा है कि उनसे ये दोनों ही प्रत्याशी सम्पर्क में हैं. चूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है. कुल 67 सीटों में से भाजपा के पास छह सदस्य हैं. सपा के पास 13 व बसपा के पास लगभग 10 जिला पंचायत सदस्य हैं. बाकी या तो दलों के बागी हैं या फिर निर्दल सदस्य है. दोनों ही दलों के पास 34 का जादुई आंकड़ा नहीं है. अब भाजपा व सपा के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही जोड़तोड़ पर फाइनल मुहर की जुगत शुरू हो गई है.
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा व सपा का प्रत्याशी घोषित होने के बाद दोनों दलों के कद्दावर नेताओं ने जोड़तोड़ शुरू कर दी है. किसी भी दल के पास 21 जिला पंचायत सदस्य नहीं है. ऐसे में 10 निर्दल सदस्य भी अध्यक्ष बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे. 40 सीटों पर राजनीतिक दलों के समर्थित व निर्दल उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट है.