
उत्तर प्रदेश में सुनील बंसल के उत्तराधिकारी के तौर पर आए बीजेपी के नए महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह कार्यभार संभालते ही सक्रिय हो गए हैं. पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र की बैठक के बाद धर्मपाल सिंह मंगलवार को अवध, काशी, कानपुर क्षेत्र और गोरखपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. हालांकि, पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के संगठन की बैठक करने से पहले धर्मपाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पांच कालीदास मार्ग पर जाकर मुलाकात की है.
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह मंगलवार को बीजेपी के संगठन के पदाधिकारियों की बैठक लेंगे. यह बैठक अवध, काशी, गोरखपुर कानपुर क्षेत्र के जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और इन क्षेत्रों के क्षेत्रीय अध्यक्ष व महामंत्री और प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों के साथ करेंगे. फिलहाल इन क्षेत्रों के बीजेपी विधायक और सांसदों को मीटिंग में नहीं बुलाया गया है.
बता दें धर्मपाल सिंह ने रविवार को गाजियाबाद में पश्चिम यूपी और ब्रज क्षेत्र के 38 संगठनात्मक जिले के तहत आने वाली 27 लाकसभा सीटों की बैठक की थी. इस बैठक में धर्मपाल सिंह के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत सभी सांसद, विधायक, एमएलसी, जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी शामिल हुए थे. इतना ही नहीं, पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र से आने वाले केंद्रीय और राज्यमंत्री भी बैठक में शिरकत किए थे.
पश्चिम यूपी पर कर चुके हैं मंथन
पश्चिम यूपी में सीएम का दौरा और फिर महामंत्री संगठन की पहली मीटिंग भी पश्चिमी यूपी में रखी गई है. इससे समझा जा सकता है कि ब्रज क्षेत्र और वेस्ट यूपी भाजपा के लिए कितना अहम है. इसको लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र में सपा-आरएलडी गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. इतना ही नहीं पश्चिम व ब्रज क्षेत्र में कुल 27 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें से 20 सीटें बीजेपी के पास हैं तो सपा के पास 3 और बसपा के पास 4 सीटें हैं.
पश्चिमी यूपी में सपा-आरएलडी गठबंधन की चुनौती है तो अवध, कानपुर क्षेत्र बीजेपी का मजबूत गढ़ है, लेकिन काशी और गोरखपुर क्षेत्र में भी चैलेंज है. 2022 के चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका रुहेलखंड और काशी-गोरखपुर क्षेत्र में लगा था. यही वजह है कि बीजेपी अपने कमजोर किले को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है. पूर्वांचल के कई ऐसे जिले रहे हैं, जहां पर बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था.
काशी और गोरखपुर क्षेत्र को लेकर बैठक
पूर्वांचल के दो महत्वपूर्ण क्षेत्र काशी और गोरखपुर के पदाधिकारियों की बैठक से धर्मपाल सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है. यह मुलाकात इसीलिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि योगी इसी पूर्वांचल क्षेत्र से आते हैं. गोरखपुर उनका गृह क्षेत्र हैं तो मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी है. इतना ही नहीं बीजेपी के दोनों सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी का सियासी आधार भी पूर्वांचल के इलाके में है. ऐसे में यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. हालांकि, इस बैठक में पूर्वांचल के सियासी समीकरण को बेहतर बनाने और जीत के सिलसिले को बरकरार रखने पर मंथन किया जाएगा.
बीजेपी के नए प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने औपचारिक रूप से कामकाज की जिम्मेदारी संभाली. इस दौरान कहा कि हर सीट जीतनी है. इसी रणनीति के तहत अब पार्टी आगे बढ़ेगी. साथ ही ये भी कहा कि पार्टी ने जो रूटमैप तैयार किया है तो उसके तहत काम करना है. विपक्ष के भ्रमित करने पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना है. धर्मपाल सिंह ने पार्टी पदाधिकारियों को संदेश दिया कि 2014, 2017, 2019, 2022 की तरह 2024 भी बीजेपी को जीतना है.
वहीं, बीजेपी ने 2024 के चुनाव के लिए माइक्रो प्लान पर अमल शुरू कर दिया है, जिसके तहत सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी मंडल के साथ पश्चिमी यूपी की राजनीति को प्रभावित करने वाले सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़ के साथ पूर्वांचल के आजमगढ़ मंडल की कमान खुद के पास रखी. ऐसे में धर्मपाल सिंह ने पश्चिमी यूपी के बाद पूर्वांचल की बैठक करने जा रहे हैं.