
लोकसभा चुनाव 2024 में अभी भले ही डेढ़ साल से भी ज्यादा का वक्त बाकी है, लेकिन बीजेपी ने अपना टारगेट 75 प्लस का तय कर लिया है और पश्चिमी यूपी से उसने तैयारी भी शुरू कर दी है. बीजेपी ने रविवार को गाजियाबाद में पश्चिमी क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र के 38 संगठनात्मक जिलों के तहत आने वाली 27 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप की रणनीति तैयार की है तो दूसरी तरफ पश्चिमी यूपी से लेकर अयोध्या तक कल्याण सिंह की प्रतिमा भी पार्टी लगाने जा रही है. इस तरह बीजेपी के लिए 2019 में कमजोर साबित हुए क्षेत्र को पहले दुरुस्त करने का प्लान बनाया है.
मिशन-2024 को लेकर गाजियाबाद में बीजेपी ने पश्चिम क्षेत्र और ब्रज क्षेत्र को लेकर रविवार को बड़ी बैठक की. प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, प्रदेश महामंत्री अश्विनी त्यागी, पश्चिम क्षेत्र अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, पश्चिम क्षेत्र प्रभारी जेपीएस राठौर, ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी शामिल हुए. इसके अलावा पश्चिमी यूपी और बृज क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए.
बीजेपी के नए प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने औपचारिक रूप से कामकाज की जिम्मेदारी संभाली. इस दौरान कहा कि हर सीट जीतनी है. इसी रणनीति के तहत अब पार्टी आगे बढ़ेगी. साथ ही ये भी कहा कि पार्टी ने जो रूटमैप तैयार किया है तो उसके तहत काम करना है. विपक्ष के भ्रमित करने पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना है. धर्मपाल सिंह ने पार्टी पदाधिकारियों को संदेश दिया कि 2014, 2017, 2019, 2022 की तरह 2024 भी बीजेपी को जीतना है.
पश्चिम-ब्रज क्षेत्र की सीटों का समीकरण
बता दें कि बीजेपी ने गाजियाबाद में पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र के संगठन की बैठक की है, उसके तहत 27 लोकसभा सीटें आती हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 27 संसदीय सीटों में से बीजेपी को 19 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 8 सीटें विपक्ष के खाते में गई थी. सपा और बसपा को चार-चार सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि, बाद में एक सीट बीजेपी ने सपा से छीन ली है. इस तरह बीजेपी के पास 20 सीटें हो गई हैं.
पश्चिम क्षेत्र में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के 14 लोकसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से बीजेपी के पास फिलहाल आठ सीटें हैं जबकि 6 सीटों पर विपक्ष का कब्जा है. वहीं, ब्रज क्षेत्र में देखें तो आगरा-अलीगढ़ और बरेली मंडल की कुल 13 लोकसभा सीटें है, जिनमें से बीजेपी के पास मैनपुरी छोड़कर बाकी 12 सीटों पर कब्जा है. ब्रज क्षेत्र में बसपा का खाता नहीं खुला था तो सपा को सिर्फ मैनपुरी सीट मिली थी.
बीजेपी का हारी हुई सीटों पर फोकस
2019 और 2022 के चुनाव में बीजेपी को सहारनपुर से मुरादाबाद तक की बेल्ट में हार का मुंह देखना पड़ा था. मिशन-2024 के तहत पश्चिम और ब्रज क्षेत्र के तहत आने वाली 27 लोकसभा सीटों में हारी हुई सात सीटों पर विशेष फोकस कर रखा है. इसके लिए राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व से वरिष्ठ नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों को लगाया गया है.
ब्रज क्षेत्र में मैनपुरी सीट तो पश्चिम क्षेत्र में सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मुरादाबाद और संभल लोकसभा सीट है. ये वो सीटें हैं, जिन पर विपक्षी दलों के सांसद हैं. ऐसे में बीजेपी का जिन 20 सीटों पर कब्जा है, उसके लिए रणनीति अलग बनी है. इसके अलावा 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखा जा रहा है. इन सभी सीटों का जिम्मा वरिष्ठ नेताओं के कंधों पर है.
रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटें उपचुनाव में जीतने के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं, जिसके चलते पार्टी ने पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र में जमीनी स्तर पर अपनी सक्रियता अभी से बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है. पश्चिमी यूपी के इलाक में करीब 30,000 बूथ हैं जबकि ब्रज क्षेत्र में 24000 बूथ हैं.
2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने बूथ सशक्तिकरण अभियान के तहत जनप्रतिनिधियों को 100-100 बूथों की जिम्मेदारी दे रखी है, जहां पर केंद्र और राज्य सरकार योजनाओं के लाभार्थियों से फीडबैक ली जा रही. इसके लिए उन बूथों को सबसे पहले फोकस किया जा रहा है, जहां पर 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कम वोट मिले हैं.
कल्याण सिंह की प्रतिमा लगाएगी बीजेपी
बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री बाबू कल्याण सिंह की प्रतिमा को पश्चिमी यूपी से लेकर अयोध्या तक 25 जिलों में लगाएगी ताकि लोकसभा चुनाव के समीकरण को साधा जा सके. इसके लिए लोधी बाहुल्य वाले जिलों में को फोकस किया गया है. यूपी में 3 फीसदी लोधी समाज है. वेस्ट यूपी के अलीगढ़, बरेली, बुलदंशहर, आगरा से सटे एटा, मैनपुरी, पूर्वांचल में फर्रुखाबाद और हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट और बदायूं सब वो जिले हैं जहां लोधियों की संख्या काफी है. इन जिलों में प्रतिमा लगाई जाएंगी ताकि सियासी संदेश लोध समुदाय को दिया जा सके. ये वो जिले हैं जहां कल्याण सिंह का खास प्रभाव रहा है. ऐसे में साफ तौर पर बीजेपी कई मोर्चा पर काम कर रही है.