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UP: BJP सांसद साक्षी महाराज बोले- मायावती जिंदा हैं तो सिर्फ भाजपा की वजह से

उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज सीतापुर के नैमिषारण्य में गोमती तट के किनारे स्थित देवदेवेश्वर मंदिर के पुजारी के घर एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां उन्होंने मायावती, अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, आजम खान और लाउडस्पीकर विवाद पर खुलकर अपनी राय रखी.

भाजपा सांसद साक्षी महाराज. -फाइल फोटो भाजपा सांसद साक्षी महाराज. -फाइल फोटो
अरविंद मोहन मिश्रा
  • उन्नाव,
  • 30 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST
  • मायावती, अखिलेश और शिवपाल पर खुलकर बोले साक्षी महाराज
  • लाउडस्पीकर, अजान विवाद और आजम खान पर भी दिया बयान

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) ने कहा है कि सपने देखने का हक सभी को है. दरअसल, दो दिन पहले बसपा चीफ मायावती ने कहा था कि वो राष्ट्रपति के बजाए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं. मायावती के इस बयान को लेकर ही उन्नाव सांसद ने कहा कि सपने देखने का हक सभी को है. उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा की वजह से ही मायावती आज जिंदा हैं. साक्षी महाराज ने बीते विधानसभा चुनाव में मायावती की ओर से भाजपा की खुलकर मदद करने की बात भी कही.

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उन्नाव सांसद ने प्रदेश में इन दिनों धार्मिक स्थानों पर से लाउडस्पीकर उतारने के प्रदेश सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान पर कहा कि योगी आदित्यनाथ ने लाउडस्पीकर उतारने के लिए बिल्कुल नहीं कहा है, बल्कि उनकी मंशा यह है कि जो भी शोर धार्मिक स्थलों से बाहर निकलता है, उसकी सीमा निर्धारित रहे और सारी आवाज धार्मिक स्थानों के अंदर तक ही सीमित रहे.

साक्षी महाराज ने अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी पर ली चुटकी

साक्षी महाराज ने इन दिनों प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच चल रही तल्खी पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि यह दोनों का व्यक्तिगत और परिवार के अंदर का विवाद है और इसे वह लोग चारदीवारी तक ही रखें. 

आजम खान पर शिवपाल और प्रमोद कृष्णन को लेकर दिया ये बयान

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भाजपा सांसद ने सीतापुर जिला जेल में बंद आजम खान पर शिवपाल यादव और कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन की ओर से दिए गए बयानों पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि ज्यादती क्या होती है, यह पहले सत्ता में रह चुके यह दोनों नेता बखूबी जानते हैं. ज्यादती तो अयोध्या में राम भक्तों पर गोली चला कर की गई थी, जब सरयू नदी का पानी लाल हुआ था. यही नहीं ज्यादती तो मुजफ्फरनगर में हुई थी जब वहां के निर्दोष लोग शासन सत्ता की बदसलूकी का शिकार बने थे.

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