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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर राजनीतिक घमासान बढ़ता जा रहा है. पहले बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने तस्वीर लगाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन से सफाई मांगी थी. अब बीजेपी विधायक और यूपी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना की तारीफ करते हुए तस्वीर लगाने को सही ठहराया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जिन महापुरुषों का योगदान रहा है उनपर अंगुली उठाना घटिया बात है. उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे से पहले इस देश में जिन्ना का भी योगदान है. मौर्य ने ऐसा बयान देकर अब अपनी पार्टी के नेता को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
सतीश गौतम के अलावा कई अन्य बीजेपी नेताओं ने भी जिन्ना की फोटो हटवाने का समर्थन किया है. बीजेपी सांसद महेश गिरी ने भी ट्वीट कर AMU की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. बीजेपी समर्थक ट्विटर पर #JinnahFreeAMU के नाम से सोशल मीडिया कैंपेन भी चला रहे हैं.
अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने AMU के कुलपति तारिक मंसूर को लिखे अपने पत्र में विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यालय की दीवारों पर पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताई थी. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया और कहा कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी.
प्रवक्ता ने कहा, ‘जिन्ना को भी 1938 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी. वह 1920 में विश्वविद्यालय कोर्ट के संस्थापक सदस्य और एक दानदाता भी थे.’उन्होंने कहा कि जिन्ना को मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की मांग किए जाने से पहले सदस्यता दी गई थी.
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भी किसी राष्ट्रीय नेता ने संबंधित तस्वीर पर आपत्ति नहीं जताई. इनमें महात्मा गांधी, मौलाना आजाद, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, सी राजगोपालाचारी, राजेंद प्रसाद और जवाहर लाल नेहरू शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्तियों को आजीवन सदस्यता देने की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ की लंबी परंपरा रही है.