
यूपी में अखिलेश यादव की काट में बीजेपी का एक तरफ ओबीसी सम्मेलन चल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ मायावती ने दलित वोटबैंक के दिल में जगह बनाने की कवायद शुरू की है. इसके लिए बीजेपी ने बकायदा छह दलित नेताओं की दो टीमें बनाई है. ये जिले-जिले जाकर सम्मान समारोह कर रहे हैं और बीजेपी की नीतियों व दलित समुदाय के हक में उठाए कदमों से समाज को रुबरु करा रहे हैं.
बीजेपी ने छह दलित नेताओं की जो दो टीमें बनाई हैं. पहली टीम में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल, राज्यसभा सांसद कांता कर्दम और विद्या सागर सोनकर हैं. दूसरी टीम में अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य मंजू दिलेर और हाल ही में राज्यसभा सांसद बने संघ प्रचारक राम सकल शामिल हैं.
बीजेपी नेता सम्मेलन में ये बतायेंगे कि मोदी सरकार और बीजेपी शासित राज्य की सरकारों ने कौन कौन से बड़े महत्वपूर्ण पदों पर अनुसूचित जाति-जनजाति समाज से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की है.
इसमें राष्ट्रपति, राज्यपाल, राज्यसभा सांसद, केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री पद, केंद्र से लेकर राज्यों तक में संगठन में बड़े पद और कई संवैधानिक पदों नियुक्तिया की हैं.
उत्तर प्रदेश के बीजेपी संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने इन दोनों ही टीमों को हर जिले में कार्यक्रम के लिए निर्देश दिया है. इसके बाद से दोनों टीमें लगातार सम्मान समारोह कार्यक्रम कर रही हैं. इन दोनों ही टीम के नेताओं ने करीब 50 से अधिक जिलों में कार्यक्रम संपन्न कर लिए हैं.
बीजेपी इस सम्मान समारोह के माध्यम से यह दिखाना चाहती है कि वह कितने दलित नेताओं को सियासी तौर पर हिस्सेदारी दी है. इन कार्यक्रमों की जिम्मेदारी हर जिले के बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चे के अध्यक्ष की होती है. यह संगठन विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम कर इन नेताओं को सम्मानित करता है.
दलित नेताओं की टीमें समाज के बीच सरकार की उपलब्धियों और विपक्षी दलों के दौर में दलित समुदाय के लिए उठाए गए कदम की तुलना करके बताते हैं. इसके जरिए वे इस बात पर जोर देते हैं कि बाकी दलों से बीजेपी बेहतर है.
सम्मान समारोह के बाद अब दूसरी ओर बीजेपी सभी राज्यों में अपने सबसे बड़े अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ सांसद और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी को राज्य में सभी जिलो में अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के 2000 से 5000 लोगों का सम्मेलन करने की करने का जिम्मा सौंपा है.
इन सम्मेलनों में बीजेपी के नेता मोदी सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियां के साथ साथ केंद्र और राज्य सरकारों के SC/ ST समाज के हितों में लिए फैसलों की भी जानकारी देंगे.