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काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर में कंस्‍लटेंसी का काम करेगी 'अर्नस्ट एंड यंग', जानें क्‍यों हायर हुई ये ब्रिटिश कंपनी?

Kashi Vishwanath Corridor : काशी विश्‍वनाथ मंदिर कॉरिडोर जोकि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है, अब इसको चलाने के लिए वाराणसी प्रशासन ने ब्रिटिश कंस्लटिंग कंपनी अर्नस्ट एंड यंग (Ernst and young) को कंस्लटेंसी के लिए हायर कर लिया है, कॉरिडोर को 15 दिसंबर 2021 तक पूरा होना है.

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रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 03 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:37 PM IST
  • ब्रिटिश कंपनी करेगी कॉरिडोर में कंस्लटेंसी का काम
  • सॉफ्टवेयर भी बनाएगी ये कंपनी

Kashi Vishwanath Corridor Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi )  का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर अब आकार लेने लगा है. ये काफी हद तक बनकर तैयार भी हो चुका है. इसे साल 15 दिसंबर तक पूरा होना है. लिहाजा, इतने बड़े कॉरिडोर का संचालन अपने आप में बड़ी चुनौती है. इसी के तहत एक ब्रिटिश कंस्लटिंग कंपनी अर्नस्ट एंड यंग (Ernst and young) को कंस्लटेंसी के लिए हायर कर लिया है.  

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इस कंस्‍लटेंसी का काम कॉरिडोर संचालन के लिए अच्छे वेंडर को ढूंढना, वेंडर को जोड़ने की सारी कागजी कार्रवाई, भीड़ प्रबंधन के लिए  सॉफ्टवेयर निर्माण से लेकर काफी कुछ है.  लेकिन यह कंपनी सिर्फ ऑपरेटर लाने और उनकी प्रोसेसिंग कराएगी, न कि कॉरिडोर का संचालन करेगी. वाराणसी के मंडलायुक्‍त्‍ दीपक अग्रवाल ने भी साफ किया कि यह कंपनी किसी भी बिल्डिंग को संचालित नहीं करेगी. 

जानें क्‍यों हायर की गई ब्रिटिश कंपनी Ernst and young
इस बारे में वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया, 'काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र परिषद की बैठक में कई निर्णय लिए गए हैं.  काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम अब अंतिम चरण में है और अब इसके संचालन की व्यवस्था की जा रही है.  काशी विश्वनाथ मंदिर और उसकी सहयोगी बिल्डिंग जैसे भोगशाला काशी विश्वनाथ न्यास की ओर से ही संचालित होगी.  बहुत सारी ऐसी बिल्डिंग जो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बन रही है.' 

दीपक अग्रवाल ने आगे बताया इन बिल्डिंग के रखरखाव और संचालन के लिए स्पेशलाइज्ड एजेंसी की आवश्यकता होगी. जैसे म्यूजियम, वाराणसी गैलरी और मुमुक्षु भवन के संचालन के लिए ऑपरेटर की जरूरत पड़ेगी, यही कारण है  इसीलिए एक कंसलटिंग कंपनी रखा गया है.  जो सारी चीजों की रूपरेखा बनाकर देगी. इसके बाद  एक टेंडर बनेगा. डॉक्यूमेंट बनाकर एग्रीमेंट बनाना और अभिलेख बनाना और मोमेंट प्लान भी बनाना इसी कंपनी का काम होगा. 

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काशी विश्‍वनाथ मंदिर में रोजाना आते हैं 20 हजार श्रद्धालु 
 बकौल दीपक अग्रवाल, काशी विश्वनाथ मंदिर में रोजाना 20000 से 25000 श्रद्धालु आते हैं.  यह संख्या आने वाले दिनों में कई गुना ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है.  लोगों को किसी तरह की दिक्कत ना आने पाए, यही कारण है कि निविदा के तहत एक कंसलटिंग कंपनी को हायर किया गया है. उसी का प्रेजेंटेशन भी 2 दिनों पहले हुआ है.  10 से 12 नवम्‍बर के बीच कम्पनी का विस्तृत प्रेजेंटेशन होगा, ताकि काशी विश्वनाथ धाम का अच्छी संचालन हो सके. 

अर्नस्ट एंड यंग कंपनी कंपनी के बारे में जाने सब कुछ 
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि टेंडर अगस्त माह से निकाला गया था, चार बार टेंडर निकाला गया और चारों बार सिंगल सिंगल ही आवेदन आए थे. उसके बाद इस कंपनी को हायर किया गया है. अर्नस्ट एंड यंग कंपनी का हेडक्‍वार्टर गुड़गांव में है और वही से उसने अप्लाई किया है. इस कंपनी को लंदन की कंपनी कहे जाने के सवाल के जवाब में दीपक अग्रवाल ने कहा कि ऐसी कंपनियां मल्टीनेशनल होती हैं.  दिल्ली में भी और विदेशों भी होगा. कमिश्नर ने बताया गैलरी, सिटी म्यूजियम, हॉस्पिस, मल्टीपरपज हॉल, जलपान गृह या यात्री सुविधा केंद्र इनको सुव्यवस्थित ढंग से कौन प्रबंधन कर सकता है?  उसका टेंडर डॉक्युमेंट यह कंपनी बनाएगी, दीपक अग्रवाल ने कहा कि  कंपनी किसी भी बिल्डिंग को संचालित नहीं करेगी.  यह एक कंसलटिंग कंपनी है और उसके साथ-साथ लोगों के मोमेंट प्लान और एक ऐसा सॉफ्टवेयर भी बन रहा है. जिससे लोगों को उनका वेटिंग टाइम पता चल जाएगा और दर्शन के लिए स्‍लॉट मिल जाएगा. यह काम भी यही कंसलटिंग कंपनी करेगी. 

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काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर में होंगी ये सुविधाएं 

  • काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम 15 दिसंबर तक पूर्ण करने का प्रयास है
  • इसमें  23 बिल्डिंग 100% तक पूर्ण हो जाएगी 
  • अगर कोई गोदौलिया वाले गेट से कोई एंट्री करेगा तो यूटिलिटी भवन, सिक्योरिटी ऑफिस मिलेगा 
  • इसके अलावा यात्री सुविधा केंद्र नंबर 1 और 2 जो सरस्वती फाटक की तरफ हैं 
  • यात्री सुविधा केंद्र तीन गंगा की तरफ है, उसके अलावा एक वैदिक सेंटर बन करना है
  • स्प्रिचुअल बुक स्टोर भी बना रहे हैं, सबसे आकर्षण का केंद्र मंदिर चौक होगा 
  • वाराणसी गैलरी सिटी म्यूजियम मुमुक्षु भवन बन रहा है 
  • भोगशाला का निर्माण भी हो रहा है, ऑफिस के कॉम्‍पलैक्‍स भी बन रहे हैं. 
  • लॉकर रूम और टॉयलेट कॉम्प्लेक्स का भी निर्माण हो रहा है. 

 

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