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मायावती का नया दांव- आधार आर्थिक हो तो गरीब मुसलमानों को भी मिले आरक्षण

मायावती ने आर्थिक आधार पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने का समर्थन किया है. साथ ही उन्होंने एससी/एसटी एक्ट में संशोधन को दलितों द्वारा बुलाए गए भारत बंद की जीत बताया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती बसपा सुप्रीमो मायावती
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एससी/एसटी विधेयक में संशोधन का स्वागत करते हुए एक नया मुद्दा उठाया है. उन्होंने आर्थिक आधार पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि गरीब मुसलमानों के लिए भी  आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए.

मायावती ने कहा, 'यदि केंद्र सरकार उच्च जाति के गरीब लोगों को संविधान में संशोधन के जरिए आरक्षण देने के लिए कोई कदम उठाती है तो बीएसपी इसका सबसे पहले समर्थन करेगी.' साथ ही मायावती ने कहा कि मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों में काफी गरीबी है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार उच्च जाति के लिए कोई कदम उठाती है तो मुस्लिमों व दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए.

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लोकसभा से पास अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक का स्वागत करते हुए मायावती ने राज्यसभा से इस संशोधन के पास होने की उम्मीद जताई. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इस दौरान दलितों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. उन्होंने कहा कि दलितों ने जो भारत बंद बुलाया था, यह उसका असर है. मायावती ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को भी इसका श्रेय दिया.

मायावती ने दिल्ली में कहा, 'एससी/एसटी संशोधन बिल का हम स्वागत करते हैं. हम इस बिल के राज्यसभा से पास होने की भी उम्मीद करते हैं. इसके लिए हम 2 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद का असर मानते हैं, जिसमें बीएसपी कार्यकर्ताओं के साथ देश की जनता ने भाग लिया और केंद्र सरकार को मजबूर किया.'

केंद्र सरकार में शामिल दलित नेताओं की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि जब 2 अप्रैल को आंदोलन किया गया था तो केंद्र सरकार के सभी दलित व आदिवासी मंत्री चुप्पी साधे हुए थे.

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