Advertisement

उपचुनावः आखिर रामपुर से BSP क्यों नहीं उतार रही उम्मीदवार? आजमगढ़ से गुड्डू जमाली हैं मैदान में

रामपुर में उम्मीदवार नहीं उतारने को लेकर बसपा का मानना है कि यहां अभी संगठन को ज्यादा मजबूत बनाने की जरूरत है. 2024 में लोकसभा आम चुनाव में मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी की जा रही है.

आशीष श्रीवास्तव
  • ,
  • 29 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST
  • बसपा ने रामपुर में संगठन मजबूत नहीं होने की बात कही
  • गुड्डु जमाली ने सालभर पहले बसपा छोड़ी थी

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक समय उपचुनाव से दूरी बनाकर रखने वाली बहुजन समाज पार्टी इस बार आजमगढ़ सीट पर पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारेगी. ना किसी पार्टी को समर्थन देगी. लेकिन आजमगढ़ उपचुनाव में पार्टी जीत के लिए दमखम लगाएगी. पार्टी ने रामपुर को लेकर कह दिया है कि वहां संगठन को मजबूत करना है. उसके बाद ही आम चुनाव में प्रत्याशी उतारा जाएगा.

Advertisement

बसपा के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो पार्टी इससे पहले कभी भी उपचुनाव नहीं लड़ती थी, लेकिन इस बार वह आजमगढ़ में मजबूत तरीके से लड़ेगी. हालांकि रामपुर में पार्टी कैडर और उसका वोटर खुद डिसाइड करेगा कि किसको चुनना है. चूंकि इस बार रामपुर में उप चुनाव में बसपा अपना कैंडिडेट नहीं उतार रही है. अभी वहां अपने संगठन को मजबूत किए जाने की बात कही जा रही है. 

रामपुर में संगठन को मजबूत करने की जरूरत

रामपुर में उम्मीदवार नहीं उतारने को लेकर बसपा का मानना है कि यहां अभी संगठन को ज्यादा मजबूत बनाने की जरूरत है. 2024 में लोकसभा आम चुनाव में मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी की जा रही है. हालांकि, बसपा ने ये भी साफ कर दिया है कि इस सीट पर किसी को भी पार्टी समर्थन नहीं देगी. रामपुर में पार्टी के लोग चुनाव में संगठन के कार्यों को ही करेंगे. बहुजन पार्टी के वोटर्स और सपोर्टर्स अपने वोट के लिए स्वतंत्र हैं. यहां उपचुनाव में कैंडिडेट नहीं उतारा जाएगा.

Advertisement

बता दें कि रामपुर और आजमगढ़ सीट पर 23 जून को उपचुनाव की वोटिंग होगी. विधानसभा चुनाव जीतने वाले आजम खान और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद ये दोनों सीटें खाली हुई हैं और यहां अब उप चुनाव कराए जा रहे हैं.

बसपा ने समीक्षा बैठक के बाद लिया निर्णय

उपचुनाव को लेकर बसपा ने दो दिवसीय समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर बातचीत की, इसके साथ आने वाले लोकसभा के उपचुनाव के बारे में भी फीडबैक लिया गया. एक बयान में बसपा ने कहा- पार्टी 23 जून को रामपुर सीट से लोकसभा उपचुनाव नहीं लड़ेगी क्योंकि हमें इस सीट को मजबूत बनाने के लिए काम करना है. पार्टी इस सीट पर किसी का समर्थन भी नहीं देगी. इससे पहले पार्टी आजमगढ़ सीट से उपचुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी है. बसपा ने जोर देकर कहा कि वह राज्य में 'गरीब विरोधी' और 'पूंजीवादी समर्थक' भाजपा की जड़ों को हिलाने में 'सक्षम' है.

मायावती बोलीं- विधानसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले

बैठक में मायावती ने कहा कि बसपा सीमित संसाधनों वाली पार्टी है और यह उन पार्टियों से लड़ रही है जो पूंजीपतियों के समर्थन से चलाई जाती हैं इसलिए 'हमें छोटी कैडर-आधारित बैठकें करके पार्टी को मजबूत बनाना होगा.' उन्होंने कहा- 'हमें कड़ी मेहनत के बाद भी विधानसभा चुनावों में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले.' उन्होंने कहा- 'राज्य से कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के बाद बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भाजपा से लड़ सकती है.'

Advertisement

आजमगढ़ से गुड्डु जमाली कंडीडेट

बसपा ने आजमगढ़ से गुड्डु जमाली को प्रत्याशी घोषित किया है. शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली बसपा के पुराने नेता हैं. 2021 में उन्होंने बसपा छोड़ दी थी और 2022 के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से मुबारकपुर सीट से चुनाव लड़े थे. हालांकि, वे हार गए थे. बाद में वे फिर से बसपा में शामिल हो गए.

मुबारकपुर सीट से दो बार विधायक चुने गए गुड्डु

गुड्डु जमाली 2012 और 2017 में बसपा से मुबारकपुर सीट से चुनाव लड़े थे. और जीत हासिल की थी. बाद में बसपा से मोहभंग हुआ और 25 नवंबर 2021 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. तब बसपा ने एक बयान में कहा था कि गुड्डु जमाली ने अपने निजी स्वार्थ के चलते पार्टी छोड़ दी है. विधानसभा चुनाव के वक्त गुड्डु की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी. हालांकि टिकट नहीं मिल सका था. दो महीने पहले ही मार्च के आखिरी सप्ताह में गुड्डु की फिर से बसपा में वापसी हुई तो पार्टी ने उनका कद भी बढ़ा दिया है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement