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UP: बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के भाई समेत छह पर आरोप तय

यूपी के चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में छह पर आरोप तय किए गए हैं. आरोपियों में माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ भी शामिल है. सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोप तय किए गए. मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर की तारीख तय की गई है. आरोपियों ने ट्रायल की मांग की है.

बसपा विधायक हत्याकांड में आरोप तय बसपा विधायक हत्याकांड में आरोप तय
पंकज श्रीवास्तव
  • प्रयागराज,
  • 01 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड (Bsp Mla Raju Pal Murder case) मामले में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं. सीबीआई कोर्ट की स्पेशल जज कविता मिश्रा ने आरोप तय करते हुए मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 अक्टूबर रखी है. इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) के भाई पूर्व विधायक अशरफ सहित अन्य लोग शामिल हैं.

सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश और हत्या के प्रयास में आरोप तय किया गया. हालांकि, कोर्ट के सामने आरोपियों ने आरोपों से इनकार करते हुए ट्रायल की मांग की है.

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मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में आरोपी अशरफ और फरहान को जेल से लाकर पेश किया गया था. वहीं, जमानत पर चल रहे रंजीत पाल, आबिद, इसरार अहमद और जुनैद व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए थे.

पत्नी पूजा पाल ने कराई थी रिपोर्ट दर्ज

राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में पति की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया था.

- 6 अप्रैल 2005 को पुलिस ने हत्याकांड की विवेचना के बाद अतीक और उसके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 

- 12 दिसंबर 2008 को इस मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी गई थी.

- 10 जनवरी 2009 को सीबी-सीआईडी ने पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. उसमें मुस्तकिल मुस्लिम उर्फ  गुड्डू, गुलहसन, दिनेश पासी और नफीस कालिया को आरोपी बनाया गया था.

- 22 जनवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.

- सीबीआई ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद 20 अगस्त 2019 को सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

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यह है पूरा मामला

यूपी में साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था. लेकिन बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया. उस उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया था.

उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था.

 

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