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चित्रकूट और बागपत गैंगवार का वो 'कॉमन कनेक्शन' जिस वजह से सवालों के घेरे में है प्रशासन

जगमोहन का बागपत जेल से चित्रकूट जेल तबादला कर दिया गया. 14 मई को जब चित्रकूट जेल में अंशु दीक्षित ने खूनी खेल खेला उस वक्त भी जगमोहन चित्रकूट जेल में तैनात था.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
संतोष शर्मा
  • चित्रकूट,
  • 19 मई 2021,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST
  • चित्रकूट-बागपत गैंगवार का 'कॉमन कनेक्शन'
  • दो एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू

चित्रकूट जेल में हुई गोलीबारी और हत्या का मामला हर बीतते दिन के साथ बढ़ता दिख रहा है. एक तरफ प्रशासन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं तो वहीं कुछ ऐसे सबूत भी मिल रहे जो कई लोगों की भूमिका को संदिग्ध बना रहे हैं.

अब चित्रकूट घटना का 2018 में हुए बागपत जेल हत्याकांड से एक कनेक्शन सामने आया है. इस कॉमन कनेक्शन ने फिर चित्रकूट केस को एक नाटकीय मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है. 

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चित्रकूट और बागपत गैंगवार का 'कॉमन कनेक्शन'

चित्रकूट जेल में जिन जेल कर्मियों की भूमिका सवालों के घेरे में है उसमें बागपत जेल से ट्रांसफर पर आया जेल वार्डन भी शामिल है. जुलाई 2018 में बागपत जेल के अंदर गैंगस्टर सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी. जेल में हुई सनसनीखेज वारदात के बाद जेलर, जेल अधीक्षक को बर्खास्त कर दिया गया तो वहीं जेल बॉर्डर जगमोहन का तबादला कर दिया गया. जगमोहन का बागपत जेल से चित्रकूट जेल तबादला कर दिया गया. 14 मई को जब चित्रकूट जेल में अंशु दीक्षित ने खूनी खेल खेला उस वक्त भी जगमोहन चित्रकूट जेल में तैनात था. लेकिन 6 मई से जगमोहन कोरोना संक्रमित होकर छुट्टी पर चल रहा था.

जेल सूत्रों की माने तो 13 मई को जगमोहन चित्रकूट जेल के अंदर देखा गया, इतना ही नहीं चर्चा तो यहां तक है कि जब अंशु दीक्षित चित्रकूट जेल में गोली चला रहा था उस वक्त जगमोहन जेल में था और वो अंशु दीक्षित को सरेंडर करने के लिए चिल्ला रहा था.

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दो एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू

फिलहाल चित्रकूट जेल में हुई घटना पर स्थानीय पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज कर जांच तो शुरू कर दी है लेकिन सवालों के घेरे में अकेले जेल वार्डन जगमोहन ही नही बल्कि पीएसी का एक सिपाही भी है. अमित नाम के पीएसी के इस सिपाही को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है.

बताया जा रहा है यह सिपाही अंशु दीक्षित का बेहद करीबी था. अंशु दीक्षित की बैरेक में पहुंचने वाले सुविधा के हर सामान को अमित के जरिए ही जेल के अंदर पहुंचाया जाता था. फिलहाल जेल वार्डन जगमोहन और पीएसी सिपाही अमित की भूमिका जांच की जा रही है.

क्लिक करें- चित्रकूट जेल हत्याकांड: जेलर और जेल अधीक्षक सस्पेंड, विभागीय कार्रवाई के भी आदेश 

घटना वाले दिन CCTV कैमरे काम नहीं कर रहे थे

खबर तो ये भी मिली है कि जिस समय ये घटना हुई थी तब जेल के अंदर मौजूद सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे. ऐसे में ये पहलू भी जांच का विषय है और इसे एक बड़ी लापरवाही के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन जिम्मेदार अफसरों से सवाल पूछे जाने पर मामला विवेचनाधीन है कहकर पल्ला झाड़ा जा रहा है और कुछ भी खुलकर नहीं बताया जा रहा है.

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