
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में नाबालिग लड़कियों के साथ हो रहे अत्याचर पर आजतक के 'ऑपरेशन नरकलोक' का बड़ा असर हुआ है. इस मामले में प्रशासन ने जांच तेज कर दी है. इस मामले पर अब चित्रकूट के डीएम शेषमणि पांडे का कहना है कि उन्होंने बच्चियों से संपर्क किया है, लेकिन यौन उत्पीड़न की घटना से इनकार कर दिया है.
इस पूरे विवाद को लेकर बुधवार को चित्रकूट के डीएम शेषमणि पांडेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि कल शाम को आजतक ने अपनी एक रिपोर्ट में लड़कियों के यौन शोषण की खबर दिखाई थी, जिसको हमने गंभीरता से लिया है. प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा इस बारे में आजतक के संवाददाताओं से जानकारी ली गई है.
डीएम ने कहा कि वीडियो सामने आने के बाद हमने बच्चियों से संपर्क किया है, बच्चियों ने अब यौन उत्पीड़न की घटना से इनकार किया है. लेकिन जब आजतक ने इस मसले पर सवाल पूछे तो डीएम आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को खत्म करके चले गए.
ऑपरेशन नरकलोक का असर, चित्रकूट में अफसरों ने जमाया डेरा, शुरू हुई मजिस्ट्रेट जांच
साफ है कि ऑपरेशन नरकलोक में जो सच्चाई दिखाई गई है, उसे स्वीकार करने से प्रशासन इनकार कर रहा है और मामले की लीपापोती में जुट गया है.
दरअसल, बुंदेलखंड के चित्रकूट में चंद रुपयों के लिए खनन के धंधे में लगे कुछ लोग मासूम बच्चियों का शोषण कर रहे थे. गरीबी के मारे इन अभागे लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर सौ-डेढ़ सौ रुपये की मजदूरी देने के बदले कुछ दरिंदे चित्रकूट की इन मासूम बच्चियों का शोषण कर रहे थे.
Exclusive: चित्रकूट की खदानों में मजदूर नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण
आजतक की रिपोर्ट के बाद कई अफसर देर रात को ही उस स्थान पर पहुंचे. यहां पुलिस का जमावड़ा लग गया और मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया है. सोशल मीडिया पर लोगों की ओर से इसमें एक्शन लेने की मांग की गई है.