
उत्तर प्रदेश में सपा के मजबूत गढ़ रहे आजमगढ़ में मिली जीत को बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रखने की कवायद में जुट गई है. उपचुनाव में मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को पहली बार आजमगढ़ के दौरे पर पहुंचेंगे और जिले की जनता को रिटर्न गिफ्ट देंगे. इस दौरान सीएम 141 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे और साथ ही 50 योजनाओं का लोकापर्ण और शिलान्यास करेंगे .
लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ की जीत के बाद सीएम योगी का यह पहला दौरा है. ऐसे में जिले की जनता को बड़ी उम्मीदें हैं, क्योंकि चुनाव के दौरान सीएम योगी ने विकास की सौगात से नवाजे जाने का वादा किया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आईटीआई मैदान में जनसभा को संबोधित करने के साथ-साथ आजमगढ़ उपचुनाव में मिली जीत के लिए जनता को धन्यवाद देंगे. पीएम आवास योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित करेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संगीत के सबसे पुराने घराने हरिहरपुर जाएंगे, जहां पर शास्त्री गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र के परिजनों से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा शास्त्री संगीत से जुड़े लोगों से संवाद करेंगे. साथ ही संगीत के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुतीकरण किया जाएगा. ऐसे में उम्मीद है कि हरिहरपुर संगीत घराने को एक नई पहचान मिलेगी. इसके बाद सीएम योगी जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आजमगढ़, मऊ और बलिया के अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा बैठक करेंगे.
बता दें आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को हराकर वहां कमल खिलाया. बीजेपी के लिए यह जीत इसीलिए भी काफी महत्वपूर्ण रही है, क्योंकि सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव सांसद रहे हैं और उनके पिता मुलायम सिंह यादव की सीट रही है. इतना ही नहीं सपा के यादव-मुस्लिम समीकरण वाली भी सीट मानी जाती थी.
2022 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की सभी की सभी दस सीटें सपा जीतने में कामयाब रही थी. आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव बीजेपी ने जिस सपा के गढ़ में संघर्ष और दिलेरी के साथ लड़ा है और जीत दर्ज की है, उसे आगे 2024 लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रखना चाहती है. बीजेपी के 2024 में क्लीन स्वीप के टारगेट के लिहाज से भी आजमगढ़ सीट काफी अहम हो जाती है.
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2022 चुनाव के दौरान आजमगढ़ की जनता से तीन बड़े वादा किए थे. इसमें पूर्वाचंल एक्सप्रेस-वे और विश्वविद्यालय का तोहफा जनता को मिल चुका है. एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया है पर अभी तक शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में जिले की जनता को एयरपोर्ट का बेसब्री से इंतजार है. बीजेपी आजमगढ़ में किसी तरह का कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
सीएम योगी ने आजमगढ़ में जीत के बाद भी दो टूक शब्दों में कहा था आजमगढ़ और रामपुर जिलों के विकास से संबंधित कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं होना चाहिए. निर्देश दिया था कि सभी विभाग इन दोनों जिलों से संबंधित विकास परियोजनाओं की समीक्षा करें और कोई भी प्रस्ताव लंबित न रहे. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इन क्षेत्रों में चल रहीं और लंबित विकास परियोजनाओं की समीक्षा की गई थी. ऐसे में सीएम योगी आजमगढ़ को जीत का रिटर्न गिफ्ट देने खुद पहुंच रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनावों में सपा के गढ़ में मिली जीत के बाद से ही बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मिशन मोड में जुट गई है. बीजेपी ने एक खास रणनीति के तहत सपा के कोर वोटर्स यादव और मुस्लिम को अपनी तरफ खींचने की रणनीति पर काम कर रही है. पिछले चार चुनाव में भाजपा ने अति पिछड़ों और अति दलित समुदाय को एक साथ, एक छतरी के नीचे लाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने में कायमाब रही थी.
सूबे में पिछड़ी जातियों में यादवों की संख्या सबसे ज्यादा 9-10 फीसदी है. वहीं, मुसलमानों ने रिकॉर्ड सर्वाधिक 83 फीसदी के करीब सपा को वोट किया था. सपा एम-वाई समीकरण की बदौलत ही तीन बार सत्ता में आ चुकी है. ऐसे में बीजेपी की रणनीति सपा के कोर वोटर में सेंधमारी करने की है.
पिछड़े मुसलमानों खासतौर पर पसमांदा मुसलमानों को बीजेपी अपने साथ जोड़ने के लिए रणनीति तैयार की है. इसके लिए बीजेपी के जुड़े पसमांदा मुस्लिम नेताओं ने मोर्चा भी संभाल लिया है. बीजेपी यादव वोट बैंक में सेंधमारी की तो इस बार 25 जुलाई को भाजपा ने समाजवादी नेता और यादव बिरादरी के कद्दावर नेता रहे हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि के जरिए यादव वोट बैंक में भी पैठ बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. इसी कड़ी में सीएम योगी आदित्यनाथ का आजमगढ़ दौरा भी देखा जा रहा.
सीएम योगी आदित्यनाथ का आजमगढ़, वाराणसी दौरा ऐसे समय हो रहा है जब सपा पूर्वांचल में 9 अगस्त से अपनी पदयात्रा शुरू कर रही है. सपा पूर्वांचल में अपने सियासी आधार को मजबूत करने के मद्देनजर क्रांति दिवस पर गाजीपुर से बलिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही और वाराणसी तक पदयात्रा निकाल रही है. अखिलेश यादव यात्रा के जरिए अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना है. इस तरह के पूर्वांचल में बीजेपी और सपा दोनों ही सक्रिय हैं.