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यूपी: 'एक वर्ग की जनसंख्या बढ़ने से फैलेगी अराजकता', बढ़ती आबादी पर बोले CM योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विश्व जनसंख्या दिवस पर लखनऊ में कार्यक्रम में यूपी की बढ़ती आबादी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन भी पैदा न होने पाए.

लखनऊ में विश्व जनसंख्या दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी (फाइल फोटो) लखनऊ में विश्व जनसंख्या दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम योगी (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक/रोहित कुमार सिंह
  • लखनऊ,
  • 11 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST
  • विश्व जनसंख्या दिवस के कार्यक्रम पहुंचे सीएम
  • बोले- रिलीजियस डेमोग्राफी हो रही प्रभावित

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विश्व जनसंख्या दिवस पर लखनऊ में एक कार्यक्रम में यूपी की बढ़ती आबादी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े लेकिन हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि जनसांख्यिकी असंतुलन पैदा न होने पाए.

उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि किसी वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड और उनका प्रतिशत ज्यादा हो और जो मूल निवासी हैं, जागरूकता अभियान चलाकर उनकी जनसंख्या नियंत्रिण कर असंतुलन पैदा कर दिया जाए.

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कुछ ही समय में 25 करोड़ हो जाएगी यूपी की आबादी

सीएम ने कहा कि 100 करोड़ की आबदी तक पहुंचने लाखों वर्ष लग गए लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में महज 183-185 वर्ष ही लगे. इस वर्ष के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है. आज का भारत 135-140 करोड़ जनसंख्या का देश है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी का राज्य है. यहां अभी 24 करोड़ की आबादी है, जो कि कुछ ही समय में 25 करोड़ की संख्या को पार कर जाएगी. यह स्पीड एक चुनौती है. हमें इसके नियंत्रण/स्थिरीकरण के लिए कोशिश करनी होगी.

मजहब से ऊपर उठकर जागरूकता अभियान से जुड़ें

सीएम ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है, वहां जनसंख्या असंतुलन चिंता का विषय है क्योंकि रिलीजियस डेमोग्राफी पर भी इसका असर पड़ता है. एक समय के बाद वहां अव्यवस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है, इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से जाति, मत-मजहब, क्षेत्र, भाषा से ऊपर उठकर समाज में समान रूप से जागरूकता के व्यापक कार्यक्रम के साथ जुड़ने की जरूरत है.

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उन्होंने कहा कि हमारे सामने सामान्य रूप से एक समस्या देखने को मिलती है कि किसी एक वर्ग विशेष में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर भी ज्यादा है. दो बच्चों के बीच अंतर कम न हो.

धर्मगुरुओं की भी मदद ली जानी चाहिए

सीएम ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में हो रहे बेहतरीन प्रयास को जन सहभागिता व अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से आगे बढ़ाया जाए. 

सीएम ने कहा जनसंख्या स्थिरीकरण के अभियान में आशा बहनें, आंगनबाड़ी वर्कर, शिक्षक, त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि भी अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसमें धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए.

सीएम ने नवदंपती को शगुन किट भेंट की

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने पर जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की शुरुआत करते हुए जागरूकता रैली को रवाना किया. इसके अलावा उन्होंने नवदंपती को शगुन किट भेंट की. हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से परिवार नियोजन सेवाओं की औपचारिक शुरुआत भी की.

कड़े कानून से ही रुक सकती है बढ़ती आबादी

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जब तक सबके लिए सामान कानून नहीं बनेंगे तब तक भारत विकसित नहीं होगा. उन्होंने अपने ट्वीटर पर लिखा कि बढ़ती आबादी भारत के संसाधनों, सामाजिक समरसता और विकास को दीमक की तरह खा रही है. जरूरत है ऐसे जनसंख्या नियंत्रण कानून की जो सभी धर्मों पर समान रूप से लागू हो.

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उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया विश्व जनसंख्या दिवस सतर्कता दिवस के तौर पर मना रहा है. भारत के अंदर सुरसा की तरह जनसंख्या की गति बढ़ रही है. अगर भारत की चीन से तुलना की जाए तो 1978 में कानून बना तब हमारा जीडीपी भी चीन से ज्यादा था और जनसंख्या में चीन हमसे अधिक था. आज चीन 1 मिनट में 10 बच्चे पैदा करता है और भारत 30 बच्चे पैदा करता है. यह गति कड़े कानून से ही रुक सकती है. 

विश्व जनसंख्या दिवस पर फेक न्यूज फैलाएंगे RSS के लोग

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को तंज कसते हुए कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस पर संघ के लोग फेक न्यूज फैलाएंगे. सच्चाई यह है कि मोदी के शासन में भारत के युवा और बच्चों का भविष्य अंधकारमय है. भारत के कम से कम आधे युवा बेरोजगार हैं. भारत दुनिया में सबसे अधिक कुपोषित बच्चों का घर है.

उन्होंने कहा कि भारत की प्रजनन दर रीप्लेसमेंट लेवल से नीचे है. कोई जनसंख्या विस्फोट नहीं है. देश में एक स्वस्थ और प्रॉडक्टिव युवा आबादी तैयार करने की जरूरत है, लेकिन चिंता की बात यह है कि मोदी सरकार इस मामले में बुरी तरह विफल रही है.
 

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