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उत्तर प्रदेश: जनसंख्या नीति का ऐलान, CM योगी बोले - प्रजनन दर कम करने की जरूरत

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति (Uttar Pradesh Population Policy) का ऐलान किया.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो)
समर्थ श्रीवास्तव/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 10 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST
  • योगी बोले- आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक
  • 'जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश जन संख्या नीति 2021-2030 जारी की. विश्व जनसंख्या दिवस पर हुए इस कार्यक्रम में योगी ने कहा कि समय-समय पर इस पर चिंता जताई गई कि बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधक हो सकती है. पिछले 4 दशकों से इसकी कई बार चर्चा हुई. जिन देशों, राज्यों ने इसके लिए प्रयास किए वहां सकारात्मक नतीजे देखने को मिले. विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सीएम आवास पर ये कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का उद्घाटन भी किया गया.

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सीएम ने आगे कहा कि जनसंख्या गरीबी का भी बड़ा कारण है. सीएम योगी बोले कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. सीएम योगी ने कहा देश को बढ़ती आबादी के बारे में सोचना होगा. यूपी का जिक्र करते हुए सीएम बोले कि वहां प्रजनन दर कम करने की जरूरत है. फिलहाल उत्तर प्रदेश में प्रजनन दर 2.9 है, सरकार का लक्ष्य है कि इसे कम करके 2.1 तक लाया जाए. सीएम ने कहा कि दो बच्चों के बीच सही अंतर रखना भी जरूरी है. वरना बच्चों में कुपोषण का खतरा रहता है.

क्या है ये नीति?

2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी. वहीं, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या में स्थिरता लाने के प्रयास भी किए जाएंगे. इसके साथ ही इस नीति का उद्देश्य 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है. 

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जनसंख्या के लिए गरीबी और अशिक्षा जिम्मेदार - योगी

इससे पहले गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था, आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारक है. इसी वजह से समुदाय में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है. ऐसे में केंद्रित जागरूकता प्रयास की जरूरत है. प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है. अब नई नीति समय की मांग है.

स्कूलों में बनेंगे हेल्थ क्लब

इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाए जाने के निर्देश भी दिए. साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था के भी कहा. उन्होंने कहा, नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाए रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए. 

इन कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे सीएम योगी
- नई जनसंख्या नीति जारी करने के अलावा वे 11 जिलों में 11 बीएसएल-2 आरटीपीसीआर लैब का लोकार्पण भी करेंगे. ये जिले अमेठी, औरेया, बुलंदशहर, बिजनौर, मऊ, महोबा, कासगंज, देवरिया, कुशीनगर, सोनभद्र और सिद्धार्थनगर हैं। विभाग की अभी कुल 22 आरटीपीसीआर लैब हैं। ऐसे में प्रदेश में अब बीएसएल-2 स्तर की आरटीपीसीआर लैब की संख्या 44 हो जाएगी। इन लैब के शुरू होने के बाद इन जिलों में कोरोना की जांच रिपोर्ट जल्द मिलेगी और इलाज भी जल्दी शुरू हो सकेगा।

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शगुन किट देंगे सीएम योगी
- सीएम योगी सीएचसी/पीएचसी एप की भी शुरुआत करेंगे। इस दौरान नव विवाहितों में परिवार नियोजन के साधनों को प्रोत्साहित करने के लिए 'शगुन किट' दी जाएगी. इस कार्यक्रम में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अतुल गर्ग भी शामिल होंगे.  

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