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गांधी परिवार के समर्थन में यूपी कांग्रेस, पत्र लिखने वाले 23 नेताओं से जताई नाराजगी

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से रविवार को जारी किए गए पत्र में 23 नेताओं द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे गए पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि चंद नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को तथाकथित रूप से एक पत्र लिखा है. वे तमाम राज्यों के हमारे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (फाइल-पीटीआई) उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (फाइल-पीटीआई)
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली ,
  • 24 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 12:43 AM IST
  • पत्र में कहा गया- ये वही नेता जिन्होंने पार्टी से सबसे ज्यादा फायदा उठाया
  • 'चंद नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को तथाकथित रूप से एक पत्र लिखा'
  • पत्र लिखने वालों में यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष और विधान मंडल दल की नेता शामिल

कांग्रेस में 23 नेताओं की ओर से पार्टी में आमूलचूल बदलाव को लेकर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र के चर्चा में आने के बाद विवाद थमता नहीं दिख रहा. अब कांग्रेस की उत्तर प्रदेश यूनिट भी सामने आ गई और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई विधायकों ने पत्र जारी कर गांधी परिवार का समर्थन किया है.

उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना के अलावा अन्य कांग्रेसी विधायकों नरेश सैनी, दीपक सिंह, सुहेल अख्तर अंसारी, मसूद अख्तर ने पत्र लिखकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व का समर्थन किया है. इनके अलावा कई अन्य नेताओं ने भी पत्र पर अपने हस्ताक्षर किए हैं.

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर से लिखा गया पत्र

'हमारी भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं' 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आज रविवार को जारी किए गए पत्र में 23 नेताओं द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे गए पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि चंद नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को तथाकथित रूप से एक पत्र लिखा है. वास्तविकता यह है कि वे तमाम राज्यों के हमारे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं..

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पत्र में यह भी कहा गया कि देशभर के पार्टी कार्यकर्ता पूरी तरह से वाकिफ हैं कि भाजपा के खिलाफ अपने नेतृत्व के बहादुराना संघर्ष में शामिल लाखों-लाख जमीनी पार्टी कार्यकर्ताओं के संघर्षों से कटे होने के बावजूद ये वही नेता हैं जिन्होंने पार्टी से सबसे ज्यादा फायदा उठाया है. हमारी भावनाओं के प्रतिनिधि बनने का उनका झूठा दावा निहायत गैर-जरूरी और नागवार है.

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गांधी परिवार के प्रति विश्वास और समर्थन व्यक्त करते हुए पत्र में आगे लिखा गया कि हम सबके लिए यह समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में एक साथ मिलकर खड़े होने और हमारे संविधान के मूल्यों व लोकतंत्र को नष्ट कर रहीं शक्तियों से दो-दो हाथ करने का है और हम इस कर्तव्य को पूरी तरह से निभाएंगे.

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