
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव, AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की विवादित टिप्पणी मामले में अगली सुनवाई 27 जून को होगी. मामले में 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है.
24 मई को वाराणसी के MP-MLA कोर्ट अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) की अदालत में पेशे से वकील हरिशंकर पांडेय ने वाद दाखिल किया, जिस पर कोर्ट ने आगामी 27 जून की तारीख फिर से सुनवाई के लिए तय की है. इसके अलावा शिकायतकर्ता को साक्ष्य प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने जूरिडिक्शन का हवाला देते हुए अगली तारीख तय की है.
बताया जा रहा है कि एसीजेएम पांच उज्जवल उपाध्याय के अवकाश पर चले जाने की वजह से एसीजेएम की अदालत में जज नितेश कुमार सिन्हा सुनवाई करेंगे.
कोर्ट में वाद दाखिल करने वाले हरिशंकर पांडेय बोले-
कोर्ट में वाद दाखिल करने वाले वकील हरिशंकर पांडेय ने हाल ही में आजतक से खास बातचीत में बताया कि अखिलेश यादव का यह कहना कि किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दिया जाए और एक झंडा गाड़ दिया जाए तो एक मंदिर बन जाता है और यह भी कहना कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी जाती है... इससे बनारस की जनता के हृदय को चोट पहुंची है.
हरिशंकर पांडेय ने कहा कि इसके अलावा ओवैसी बंधु भी रोज वाराणसी के मुस्लिमों को उकसा रहे हैं कि रोज दो हजार की संख्या में जाकर नमाज पढ़िए. उन्होंने बताया कि अंजुमन इंतजामिया कमेटी के 8 पदाधिकारियों के इस केस में नाम हैं. इसके अलावा अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन के साथ उन दो हजार उन्मादियों के खिलाफ केस के लिए नाम डाला गया है जो ज्ञानवापी मस्जिद पर इकट्ठा हो गए थे.
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