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महायज्ञ में अपना लिया हिंदू धर्म, जानिए क्या है दिल्ली के आमिर के अमर बनने की कहानी

दिल्ली के रहने वाले आमिर ने गाजियाबाद में हुए 51 कुंडीय महायज्ञ में हिंदू धर्म अपना लिया. इसके बाद उन्होंने अपना नाम आमिर से अमर रख लिया है. अमर का कंहना है उनकी क्राइम हिस्ट्री नहीं है और वह अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर रहे हैं.

गाजियाबाद में दिल्ली के युवक ने हिंदू धर्म अपना लिया गाजियाबाद में दिल्ली के युवक ने हिंदू धर्म अपना लिया
तनसीम हैदर
  • गाजियाबाद ,
  • 04 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST
  • धर्म परिवर्तन से पहले कहा पूर्वज सनातन धर्म से थे.
  • बोले- वह स्वेच्छा से सनातन धर्म अपना रहे हैं.

गाजियाबाद में हुए 51 कुंडीय महायज्ञ में दिल्ली के रहने वाले आमिर ने हिंदू धर्म अपना लिया है. धर्म बदलने के साथ ही उसने अपना नाम आमिर से अमर कर लिया. इसके बाद अमर ने वीडियो भी जारी किया है. जिसमें वह कई धार्मिक नारे लगा रहा है. 

गाजियाबाद में 51 कुंडीय महायज्ञ चल रहा था. इसमें दिल्ली के कर्दमपुरी में रहने वाले आमिर आए और आयोजकों से अपना धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपनाने की बात कही. त्यागी महासभा के अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी ने बताया कि आमिर अविवाहित हैं और वेल्डिंग का कार्य करते हैं.

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आमिर को चंदन का टीका लगाया. खुद को आमिर बताने वाले युवक ने कहा कि उसके पूर्वज सनातन धर्म से थे. जब वह पैदा हुए तो उन्हें पता नहीं था कि वह क्या हैं और क्या नहीं. उस समय उन्हें बता दिया गया कि वह दूसरे धर्म से है. जब वह बड़े हुए और पढ़ा तब उन्हें इस बात का पता चला है कि वह सनातन धर्म से हैं. उनकी सनातन धर्म में आस्था है. उन्होंने कहा कि उनके साथ किसी ने कोई जोर जबरदस्ती नहीं की है. वह स्वेच्छा से सनातन धर्म अपना रहे हैं. 

वसीम रिजवी ने भी इस्लाम छोड़ हिन्दू धर्म अपनाया था 

दिसंबर महीने में ही वसीम रिजवी ने भी इस्लाम धर्म छोड़कर हिन्दू बने थे. गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में शामिल कराया था. वसीम रिजवी इस मौके पर कहा था, ''धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन-सा धर्म स्वीकार करूं. सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं हैं. इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते. हर जुमे को नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, हमको खुद शर्म आती है.''

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