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स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में कोरोना भगाने की पूजा, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ीं धज्जियां

अमेठी के पिंडोरिया गांव में कोरोना ने तेजी से पैर पसारे हैं और समाधान कोई मिलना नहीं दिख रहा है. इसी वजह से सभी गांव वालों ने देवी मां की पूजा की है. ये एक ऐसी पूजा है जहां पर महिलाएं देवी को खुश करने के लिए नृत्य कर रही हैं और पुरुष घंटे बजा रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • अमेठी,
  • 19 मई 2021,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST
  • अमेठी में कोरोना भगाने के लिए पूजा
  • ना मास्क दिखा ना सोशल डिस्टेंसिंग
  • प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर से त्रस्त है और सभी जगह तबाही का मंजर देखने को मिल सकता है. मामले अब कम होने शुरू हुए हैं लेकिन लोगों की तकलीफें अभी भी काफी ज्यादा हैं. ऐसे में अब कोरोना से मुक्ति पाने के लिए लोग सिर्फ वैक्सीन और दवाई पर भरोसा नहीं जता रहे हैं. उनकी नजरों में अब आस्था की शक्ति से भी कोरोना पर जीत हासिल की जा सकती है. इसका ताजा उदाहरण केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र में देखने को मिला है.

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अमेठी में कोरोना भगाने के लिए पूजा

अमेठी के पिंडोरिया गांव में कोरोना ने तेजी से पैर पसारे हैं और समाधान कोई मिलना नहीं दिख रहा है. इसी वजह से सभी गांव वालों ने देवी मां की पूजा की है. ये एक ऐसी पूजा है जहां पर महिलाएं देवी को खुश करने के लिए नृत्य कर रही हैं और पुरुष घंटे बजा रहे हैं. एक पूरा हुजूम देवी की पूजा कर कोरोना को भगाने की प्रार्थना कर रहा है. हैरानी की बात ये है कि गांव वाले कोरोना को भगाना चाहते हैं, लेकिन वे ये खास पूजा बिना मास्क के कर रहे हैं. मास्क ना होने से तो खतरा पैदा हुआ ही है, इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ा दी गई हैं. ऐसे में खुले हाथों से कोरोना को निमंत्रण दिया गया है.

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ना मास्क..ना सोशल डिस्टेंसिंग

वैसे हैरान करने वाली बात तो ये भी है कि गांव के किसी भी शख्स को इस बात का अंदाजा नहीं है कि उन्होंने कितनी बड़ी लापरवाही की है. गांव की ग्राम प्रधान सुष्मा देवी गर्व से कह रही हैं कि इसी कोरोना को हराने के लिए पूजा की जा रही है. गांव के दूसरे लोग भी इसी तर्क पर भीड़ भी इकट्ठा कर रहे हैं और हर मोड़ पर कोरोना प्रोटोकॉल्स को भी चुनौती देते दिख रहे हैं. अब गांव में कोरोना संकट के बीच इतनी भीड़ का साथ आना प्रशासन पर भी कई तरह के सवाल खड़े कर जाता है. ये भीड़ एक तरफ उनके जागरूकता अभियान पर सवाल खड़े करती है, तो वहीं दूसरी तरफ लोगों का सरकारी नियमों के प्रति बेखौफ रवैया भी दिखाती है.

अभी कोरोना की जैसी स्थिति चल रही है उसे देखते हुए देश के हर कोने से ऐसी ही खबरें सुनने-देखने को मिल रही हैं. कहीं पर गोबर लगा खुद को कोरोना मुक्त किया जा रहा है तो कहीं पर बकरी की बलि दी जा रही है. सभी के नुस्खे और तरीके जरूर अलग हैं, लेकिन कोरोना को न्योता दे रहे हैं.

(रिपोर्ट- आलोक श्रीवास्तव)
 

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