
देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों ने पाबंदियां बढ़ानी शुरू कर दी है. सख्ती बढ़ने के लिए चलते अलग-अलग राज्यों में मौजूद प्रवासी मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात खराब होने के बाद मजदूरों का पलायन भी शुरू हो गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अहम फैसला लिया है.
योगी सरकार ने फैसला लिया है कि यूपी में प्रवासी श्रमिकों को 7 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा. इसके अलावा अगर वो संक्रमित भी पाए जाते हैं तो उनका इलाज भी किया जाएगा. यूपी के गांवों, शहरों में 76 हजार से अधिक क्वारंटीन सेंटर खोले गए हैं जहां कोविड लक्षण वाले मजदूरों को रखा जाएगा. उनके इलाज व खाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है.
बता दें कि यूपी में कई खेप में प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं. मंगलवार को गाजियाबाद जिला प्रशासन की तरफ से बताया गया कि 1500 से ज्यादा बसों के जरिए 77 हजार प्रवासी मजदूरों को वापस उनके घर भेजा गया है. कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के साथ ही श्रमिकों का पलायन शुरू हो गया था लेकिन दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद से मजदूरों का वापस अपने घर लौटने के आंकड़े और बढ़ने लगे.
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने बताया कि लगभग 77 हजार मजदूरों को 1537 बसों के जरिए अपने घर भेजा गया. यह बसें आईएसबीटी, आनंद बिहार, कश्मीरी गेट और कौशांबी बस स्टैड से चलाई गई थीं.
उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें हालात के नियंत्रण के लिए लगाई गई थीं. दिल्ली में अचानक लॉकडाउन के ऐलान के बाद मजदूरों का रेला बस स्टेशनों पर उमड़ता नजर आया था.