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उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर से उपजे असंतोष को साधने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. गांव के लोग समय पर मेडिकल सुविधा न मिलने से नाराज हैं. इस बार कोरोना ने जिस तरह से यूपी के गांवों को अपनी चपेट में लिया है, उसे देखते हुए योगी सरकार ने 'मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव' अभियान शुरू किया है. वहीं, कांग्रेस ने प्रदेश के गावों में 10 लाख मेडिकल किट वितरण और गांवों को सैनेटाइज करने का काम शुरू किया है, इसे सेवा सत्याग्रह का नाम दिया है.
सीएम योगी प्रधानों से करेंगे बातचीत
यूपी में कोरोना संक्रमण का गांव-गांव में अब ज्यादा असर दिख रहा है. ऐसे में कोरोना के संकट को देखते हुए गांव-गांव में बनी निगरानी समितियों और ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों के साथ शुक्रवार को बातचीत करेंगे. माना जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना नियंत्रण के लिए चल रहे विशेष जांच अभियान को लेकर सीएम योगी ग्राम प्रधानों के साथ वार्ता करेंगे.
कोरोना से बिगड़ा गांव का समीकरण
दरअसल, कोरोना संक्रमण ने जिस तरह से इस बार यूपी के गांवों को अपनी जद में लिया है. गांव में बेहतर स्वास्थ्य सेवा न होने से लगातार सूबे में किसी न किसी गांव से हर रोज बड़ी संख्या में लोगों करने की खबरें आ रही हैं. कोरोना संकट के बीच पंचायत चुनाव में बीजेपी को सत्ता में रहते हुए बड़ी सफलता नहीं मिली, ऐसे में आठ महीने के बाद यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की चिंता बढ़ गई है. वहीं, कांग्रेस आपदा में अवसर तलाश रही है, जिसके लिए गांव में अपने सियासी जनाधार को बढ़ाना चाहती है.
गांव को साधने में जुटे सीएम योगी
यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से करीब 325 सीटें हैं, जहां ग्रामीण मतदाता अहम भूमिका अदा करते हैं. पहले किसान आंदोलन और अब कोरोना का कहर, दोनों ने ही बीजेपी के राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ दिया है. यही वजह है बीजेपी ग्राम प्रधान व निगरानी समिति के सदस्य के जरिए गांव को साधने की कवायद में जुट गई है. योगी सरकार ने 'मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव' अभियान शुरू किया है. इसके तहत मुख्यमंत्री ने कोरोना मुक्त गांवों को पुरस्कृत करने का भी ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को देवरिया के कतरारी गांव में प्रधान और निगरानी समिति के सदस्यों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि गांव में कोरोना लक्षण वाले व्यक्ति की समय से पहचान हो जाए तो जांच, इलाज, होम आइसोलेशन व मेडिसिन किट जैसे उपायों से संक्रमण का फैलाव नहीं होने पाएगा.
सीएम ने कतरारी गांव की प्रधान सपना मिश्रा से कहा कि वह और निगरानी समिति के सदस्य यह देखें कि बाहर से आने वालों को पहले क्वारन्टीन सेंटर पर रखा जाए. किसी भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण का लक्षण दिखे तो उसकी जांच कराई जाए और होम आइसोलेट करते हुए मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए और साथ ही वैक्सीन को लेकर जागरुकता फैलाने की बात कही. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को सूबे के सभी ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों से बातचीत कर उन्हें कोरोना मुक्त गांव करने के लिए प्रेरित करेंगा.
मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ
केंद्र में सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर देश भर में एक लाख गांवों तक कोविड-19 से बचाव और राहत की गतिविधियों को बीजेपी के द्वारा अंजाम दिया जाएगा. इस दौरान पार्टी के केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक कोरोना के प्रोटोकाल का पालन करते हुए इन गांवों में जाकर इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने में ग्रामीणों की मदद करेंगे. इस अभियान के तहत यूपी के तमाम गांव में भी बीजेपी नेता और कार्यकर्ता सेवा के लिए जुटेंगे. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार की सातवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कोई जश्न नहीं मनाया जाएगा बल्कि इस कठिन दौर में लोगों की सेवा करके इस अवसर को यादगार बनाया जाएगा.
कांग्रेस की नजर यूपी के ग्रामीण मतदाताओं पर
वहीं, कांग्रेस की नजर भी यूपी के गांव पर है, जिसके लिए पार्टी की महासचिव प्रिंयका गांधी ने सूबे के गावों में 10 लाख मेडिकल किट भेजा. कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में सेवा सत्याग्रह की शुरुआत की थी और अब उसी सेवा सत्याग्रह की दूसरी कड़ी में प्रदेश के 58,000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में तकरीबन 10 लाख मेडिकल किट कांग्रेस वितरित करेगी. हर एक मेडिकल किट पर प्रियंका गांधी की तस्वीर लगाई गई है.
कांग्रेस यूपी के गांव-गांव बाटेगी मेडिकल किट
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि यूपी के हर एक ब्लॉक में तकरीबन 800 मेडिकल किट भेजी जाएगी. इसमे कोरोना के मरीजों को दी जाने वाली सभी आवश्यक दवाएं होंगी. ये किट उन मरीजों को दी जाएगी जो होम आइसोलेशन में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश के गांव में दवाई की किल्लत दूर करने का बीड़ा उठाया है. हर ब्लॉक के लिए कांग्रेस पार्टी अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी जिस पर लोग फोन करके दवा की मांग कर सकते हैं. यहां चिकित्सक भी उपलब्ध होंगे जो मरीज को दवा से जुड़ा परामर्श भी देंगे.
अजय लल्लू का कहना है कि इसके साथ ही साथ यूपी के प्रत्येक जिले में कांग्रेस पार्टी 28000 लीटर सैनिटाइजर भी भेजेगी, जिसके जरिए गांव को पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाएगा ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार कोरोना को नियंत्रण करने में पूरी तरह से फेल रही है और अभी भी प्रदेश के लोगों को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. गांव में दवाओं की किल्लत है, जिसे देखते हुए हमारी पार्टी ने सेवा भाव से यह अभियान शुरू किया है.