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लखनऊ: दो डोज वैक्सीन लगवाने के बाद भी नहीं बनी एंटीबॉडी, स्क्रीनिंग टेस्ट में चौंकाने वाले खुलासे

लखनऊ मेडिकल कॉलेज में स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान वैक्सीन लगवाने के बाद भी एंटीबॉडी न बनने का मामला सामने आया है. करीब 7 फीसदी लोगों में वैक्सीनेशन के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बनी है, जिससे चिकित्सक हैरान हैं.

स्क्रीनिंग टेस्ट में नहीं दिखी लोगों में एंटीबॉडी (सांकेतिक तस्वीर-PTI) स्क्रीनिंग टेस्ट में नहीं दिखी लोगों में एंटीबॉडी (सांकेतिक तस्वीर-PTI)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 08 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:04 AM IST
  • टीकाकरण के बाद भी एंटीबॉडी नहीं
  • मेडिकल कॉलेज की रिसर्च में खुलासा
  • टेस्ट के नतीजों से हैरान हैं डॉक्टर

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में वैक्सीन की डबल डोज लेने के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बनने का मामला सामने आया है. मेडिकल कॉलेज के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट की स्क्रीनिंग में 7 फीसदी लोगों में वैक्सीन लगने के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बनने का केस सामने आया है. इस टेस्ट से चिकित्सक हैरान हैं. अब रिसर्च में यह जानने कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन लगने के बाद भी प्रतिरोधक क्षमता क्यों नहीं बढ़ी.

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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन विभाग में काम करने वाले हेल्थ वर्करों के सैंपल लेकर एंटीबॉडी की जांच की गई. ऐसी स्क्रीनिंग दावा किया जा रहा है कि देश में पहली बार हुई है. अब तक करीब 1,000 लोगों का टेस्ट कर एंटीबॉडी की जांच की जा चुकी है. अभी करीब 4,000 लोगों का मेडिकल चेकअप बाकी है.

टेस्ट में यह बात सामने आई है कि 7 फीसदी लोगों में वैक्सीन की डबल डोज लेने के बाद भी एंटीबॉडी नहीं बन सकी. ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन विभाग की विभागाध्यक्ष तूलिका चंद्रा के मुताबिक इस मामले में अभी और रिसर्च की जरूरत है.

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4000 लोगों का होगा टेस्ट!

उन्होंने कहा, 'हम लोगों ने 4000 हेल्थ वर्कर्स की स्क्रीनिंग कर एंटीबॉडी चेक कर रहे हैं. यह पहली बार हो रहा है. हमने अब तक लगभग 1,000 लोगों की एंटीबॉडी स्क्रीनिंग की, जिसमें तकरीबन 7 फीसदी लोगों में लोगों में एंटीबॉडी बनी ही नहीं है. इनका वैक्सीनेशन किया जा चुका है. आखिर क्यों एंटीबॉडी नहीं बनी, यह जांच का विषय है. यह भी जांच किया जाएगा कि इसके पीछे कोई हॉरमोनल कारण तो नहीं है.'

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