
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खराब लिखावट को लेकर तीन डॉक्टर्स पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. तीन अलग- अलग मामलों की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि डॉक्टरों की लिखावट को समझ पाना न्यायाधीशों, वकीलों के लिए टेढ़ी खीर होता है. कई बार आदेश देने के बावजूद उनकी लिखावट सुधार नहीं हुआ है. इसलिए उन पर जुर्माना लगाया गया है.
दरअसल, यह आदेश जस्टिस अजय लांबा एवं जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने पिछले हफ्ते आए तीन अलग-अलग आपराधिक मामलों की सुनवाई करते हुए सुनाया है.
इंजरी रिपोर्ट की खराब लिखावट को नहीं पढ़ पा रहे थे जस्टिस...
बताया जा रहा है कि कोर्ट में तीन अपराधिक मामलों में पीड़ितों की इंजरी रिपोर्ट पेश की गई थी. यह रिपोर्ट्स सीतापुर, उन्नाव और गोंडा जिला अस्पताल की थी, जिसे डॉक्टर्स की खराब लिखावट के कारण वकील और न्यायाधीश नहीं पढ़ पा रहे थे.
इसके बाद कोर्ट ने उन्नाव के डॉक्टर टीपी जैसवाल, सीतापुर के डॉ. पीके गोयल और गोंडा के डॉ. आशीष सक्सेना पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने डॉक्टर को तीन हफ्ते के भीतर जुर्माना अवध बार असोसिएशन की लाइब्रेरी में जमा करने का आदेश दिया है. साथ ही आदेश की प्रति प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को भिजवाई है.
डॉक्टर बोले काम के भार के कारण बिगड़ी लिखावट...
याचिका पर सुनवाई करते वक्त 25 सितंबर को कोर्ट याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश इंजरी रिपोर्ट नहीं पढ़ पा रहा था. कोर्ट ने इसे आपराधिक न्याय प्रशासन में बाधा माना और रिपोर्ट तैयार करने वाले सीतापुर जिला अस्पताल के डॉक्टर को तलब कर लिया. कोर्ट ने जब उनसे पूछा कि क्या उन्हें डीजी मेडिकल एवं चिकित्सा के सर्कुलर के बारे में जानकारी नहीं है तो उन्होंने कहा कि जानकारी तो है लेकिन काम की अधिकता के कारण उनकी रायटिंग खराब हो गई.