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मारपीट के मामले में एक-एक साल की जेल, 21 साल बाद आया फैसला

बांदा में मारपीट और  SC, ST के तहत दर्ज हुए एक मामले में कोर्ट ने 21 साल बाद अपना सुनाया है. विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए 2 आरोपियो को एक, एक साल की सजा सुनाई.  साथ ही 9-9 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. केस चलने के दौरान एक आरोपी की मौत भी हो गई और एक आरोपी को बरी कर दिया गया.  

जिला एंव सत्र न्यायाधीश जनपद, बांदा जिला एंव सत्र न्यायाधीश जनपद, बांदा
सिद्धार्थ गुप्ता
  • बांदा ,
  • 11 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

उत्तर प्रदेश के बांदा में मारपीट और  SC, ST के तहत दर्ज हुए एक मामले में कोर्ट ने 21 साल बाद अपना सुनाया है. कोर्ट ने दो आरोपियों को एक-एक साल की जेल और 9-9 हजार का जुर्माना भी लगाया. इस मामले में एक आरोपी को बरी किया और एक की मौत हो चुकी है. दरअसल अतर्रा थाना के खमहौरा गांव में रहने वाले भगवानदीन ने साल 2001 में मारपीट और SC, ST की धाराओ में एक केस दर्ज करवाया था. जिसमे आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल हुआ था. 

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पिछले 21 सालों में दर्जन भर से ज्यादा जज बदले और 2 गवाहों को प्रस्तुत किया गया. विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए 2 आरोपियो को एक, एक साल की सजा सुनाई.  साथ ही 9-9 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. केस चलने के दौरान एक आरोपी की मौत भी हो गई और एक आरोपी को बरी कर दिया गया.  

सरकारी अधिवक्ता विमल सिंह ने बताया कि पीड़ित भगवानदीन ने 30 अक्टूब 2001 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें लिखा था कि वह शाम के समय खेत में शौच के लिए जा रहा था. उसी दौरान गांव के चार दबंगों ने उसे पकड़ा और मारपीट की. इसके बाद उसने थाने में  SC, ST की धाराओं में केस दर्ज कराया था.

काफी लंबे समय से इस मुकदमे में पैरवी की जा रही थी. कई गवाहों को पेश किया गया था.  21 साल में लगभग 60 से ज्यादा तारीखें तो पड़ीं और कई जज भी बदले गए.  इसमें आरोपी का कोई पैसा खर्च नहीं हुआ क्योंकि बयान के बाद वादी का आना जरूरी नही होता.  कोर्ट जितने भी पुराने मामले हैं उनकी सुनवाई कर फैसला कर रही हैं. 

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