
कोरोना संकट से जूझ रहे देश को नए साल की शुरुआत में मोदी सरकार ने दो वैक्सीन का तोहफा दिया है. ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलते ही देश में सियासत भी शुरू हो गई है. कोरोना वैक्सीन पर सबसे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया और वैक्सीन लगवाने से इनकार किया तो बीजेपी नेता भी पलटवार कर रहे हैं. सपा और बीजेपी के सियासी घमासान के बीच बसपा अध्यक्ष मायावती ने कोरोना वैक्सीन के भारत में आगमन को सराहा है.
बता दें कि अखिलेश यादव ने कहा था कि ये वैक्सीन बीजेपी की है और इसे मैं नहीं लगवाऊंगा, क्योंकि मुझे बीजेपी पर भरोसा नहीं है. अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जो सरकार ताली और थाली बजवा रही थी, वो वैक्सीनेशन के लिए इतनी बड़ी चेन क्यों बनवा रही है. ताली और थाली से ही कोरोना को भगवा दें. उन्होंने कहा, 'मैं अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा. मैं बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकता हूं. जब हमारी सरकार बनेगी तो सभी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी. हम बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं.'
अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था अखिलेश यादव को टीके पर भरोसा नहीं है और उत्तर प्रदेशवासियों को उन (अखिलेश यादव) पर भरोसा नहीं है. यह देश के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का अपमान है. यही नहीं कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक से लेकर तमाम बीजेपी नेताओं ने अखिलेश यादव पर तबडतोड़ जुबानी हमले शुरू कर दिए.
वहीं, समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा का भी कोरोना वायरस के टीके को लेकर विवादित बयान और वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘वैक्सीन लगवाने से व्यक्ति नपुंसक हो सकता है. इसे लेकर बीजेपी और भी सपा पर हमलावर हो गई.
मायावती वैक्सीन के समर्थन में खड़ी
अखिलेश और सपा नेताओं ने वैक्सीन पर सवाल खड़े किए तो बसपा प्रमुख समर्थन में खड़ी नजर आईं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वदेशी वैक्सीन की सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई भी दी है. मायावती ने रविवार को एक ट्वीट भी किया है. मायावती ने लिखा है कि अति-घातक कोरोना वायरस महामारी को लेकर आए स्वदेशी वैक्सीन (टीके) का स्वागत व वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई. साथ ही, केन्द्र सरकार से विशेष अनुरोध भी है कि देश में सभी स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ सर्वसमाज के अति-गरीबों को भी इस टीके की मुफ्त व्यवस्था की जाए तो यह उचित होगा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में वैज्ञानिक जागरुकता की बड़ी कमी रही है. पल्स पोलिया के टीका लगवाने का सूबे में लोगों ने एक समय विरोध किया था. सरकार को इसके लिए तमाम धर्मगुरू की मदद लेनी पड़ी थी. ऐसे में कोरोना महामरी के बचाव में लगाए जाने वाले वैक्सीन पर सपा प्रमुख ने सवाल खड़ेकर निशाने पर आए गए, लेकिन जिस तरह से बसपा प्रमुख समर्थन में खड़ी नजर आई तो अखिलेश को बैकफुट पर आना पड़ा.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश यादव को टैग करते हुए ट्वीट किया था, ‘भ्रष्टाचार और गुंडा राज को समाप्त करने के लिए भाजपा की वैक्सीन कारगर साबित हुई है. आप कौन सी वैक्सीन की बात कर रहे हैं अखिलेश यादव.
कोरोना टीका को बीजेपी का टीका बताने के अखिलेश यादव ने रविवार को बैकफुट पर नजर आए और वैक्सीन को लेकर ट्वीट किया. हमें वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर बीजेपी की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच व भाजपा सरकार की वैक्सीन लगवाने की उस चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, जो कोरोनाकाल में ठप-सी पड़ी रही है. उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है. बीजेपी सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और पुख्ता इंतजामों के बाद ही इसे शुरू करे. यह लोगों के जीवन से जुड़ा विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है. गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख घोषित हो.
परिवार में भी अखिलेश का विरोध
कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर दिए बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को विपक्षी दलों के बाद अब परिवार में भी विरोध झेलना पड़ रहा है. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने वैक्सीन को लेकर अखिलेश यादव के बयान पर तंज कसा है. अपर्णा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कोरोना वैक्सीन न लगवाने का ऐलान ठीक नहीं है. यह जरा भी ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना की इमरजेंसी यूज के लिए मंजूर की गई कोरोना वायरस वैक्सीन को किसी पॉलिटिकल पार्टी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. वैक्सीन पूरे विश्व के लिए है. उन्होंने यह भी कहा कि सभी लोग वैक्सीन का इंतजार कर रहे थे