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स्वाति सिंह का ऐलान- परिवार के लिए जनता के बीच जाऊंगी

स्वाति सिंह ने कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ FIR दर्ज कराने के अलावा उन्होंने पुलिस को वह सीडी भी मुहैया करवाई है, जिसमें नसीमुद्दीन उनकी बेटी को पेश करने की मांग करते दिख रहे हैं.

दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह
स्‍वपनल सोनल/बालकृष्ण
  • लखनऊ,
  • 03 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

मायावती को अपशब्द कहने वाले बीजेपी से निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह भले ही जेल में हों, लेकिन उनकी पत्नी स्वाति सिंह राजनीतिक मोर्चे पर डटी हुई हैं. बुधवार को उन्होंने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बचाने के लिए मायावती और अखिलेश यादव मिल गए हैं.

स्वाति सिंह ने कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ FIR दर्ज कराने के अलावा उन्होंने पुलिस को वह सीडी भी मुहैया करवाई है, जिसमें नसीमुद्दीन उनकी बेटी को पेश करने की मांग करते दिख रहे हैं. लेकिन बावजूद इसके पुलिस ना तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ पॉस्को की धारा लगा रही है और ना ही उन्हें गिरफ्तार ही कर रही है.

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'डीजीपी ने नहीं दिया मिलने का समय'
स्वाति ने कहा कि उन्होंने इस बारे में शिकायत करने के लिए डीजीपी जावीद अहमद से समय भी मांगा था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि यह बात हैरान करने वाली है कि 12 दिन गुजरने के बाद भी यूपी की पुलिस सीडी देखकर भी नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पहचान नहीं पा रही है. नसीमुद्दीन के खिलाफ कारवाई करने के बारे में पूछे जाने पर लखनऊ के पुलिस अधिकारी लगातार यही बात दोहराते रहे हैं कि वह सीडी देखकर दोषियों की पहचान करने में जुटे हैं.

वोट बैंक की राजनीति में उलझी कार्रवाई
बात दरअसल यह है कि पुलिस नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ कार्रवाई करके समाजवादी पार्टी, मायावती और बीजेपी के बीच की इस लड़ाई में पड़ना नहीं चाहती. सपा को इस बात का भी डर है कि चुनावी मौसम में अगर नसीमुद्दीन की गिरफ्तारी हुई, तो मायावती इसे मुस्लिम वोटरों के बीच जाकर मुद्दा बनाएंगी. वैसे भी मायावती इस बार यूपी चुनाव में मुसलमानों पर बड़ा दांव लगा रही हैं. बीएसपी की तरफ से 100 से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं.

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सत्ता में लौटने के लिए समाजवादी पार्टी को भी मुस्लिम वोटों की दरकार है, इसलिए वो ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती, जिससे मुस्लिम वोटरों के बीच कोई गलत संदेश जाए. यूपी पुलिस के अधि‍कारी भी हवा का रुख समझ रहे हैं, इसलिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिरफ्तारी के नाम पर वह बगले झांकने लगते हैं.

इशारों-इशारों में स्वाति ने दिए संकेत
दूसरी ओर, स्वाति सिंह खुद चुनाव लड़ने के सवाल पर कोई साफ जवाब नहीं दे रही है, लेकिन बुधवार को उनकी ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि वह अपने परिवार की इस लड़ाई को लड़ने के लिए लोकतंत्र में उर्जा देने वाली महान जनता के बीच जाएंगी.

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