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नाव हादसे के बाद एक्शन में वाराणसी पुलिस, अनफिट नावों का रद होगा लाइसेंस, नाविकों में गुस्सा

वाराणसी की गंगा नदी में हुए नाव हादसे के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई है. सोमवार को पुलिस और नाविकों के बीच बैठक हुई. इस दौरान नाविकों को कुछ नियमों का पालन करने के आदेश दिए गए हैं. मगर, नाविकों का कहना है कि पुलिस का रवैया सही नहीं है. एक दिसंबर को हम लोग बैठक करने जा रहे हैं.

नाविकों संग पुलिस की बैठक. नाविकों संग पुलिस की बैठक.
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 28 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:53 PM IST

वाराणसी में बीते शनिवार को शीतला घाट पर हुए नाव हादसे के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. सोमवार को नाव चालकों के साथ पुलिस के आला अधिकारियों ने बैठक की. इसमें नाविकों को पुलिस अधिकारियों ने कुछ नियमों का पालन करने का आदेश दिया. मगर, पुलिस की सख्ती नौका चालकों को रास नहीं आई.

नाविकों का कहना है कि यह पुलिसिया उत्पीड़न है. नाविक अब एक दिसंबर को नौका संचालन पर बड़ी बैठक करने की बात कह रहे हैं. दरअसल, वाराणसी में दशाश्वमेध क्षेत्र में नौका हादसा हुआ था. नाव का पटरा टूट जाने के बाद उसमें पानी भरने लगा था. इस दौरान नाव में मौजूद 34 लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी. हालांकि, किसी तरह सभी को रेस्क्यू कर लिया गया था. 

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बैठक में मौजूद नाविक.

फिर से ऐसा कोई हादसा न हो, इसके लिए पुलिस ने नौका चालकों के साथ बैठक की है. शहर के भेलूपुर क्षेत्र में डीसीपी काशी की तरफ से नाविकों के साथ बातचीत हुई. इस दौरान नाविकों को नौका संचालन से संबंधित मानक और सुरक्षा का ख्याल रखने की सख्त हिदायत दी गई.

बैठक खत्म होने के बाद नाविक समाज के नेता प्रमोद मांझी ने बताया कि बैठक सार्थक हुई. मगर, पुलिस का रवैया उचित नहीं था. उन्होंने बताया किसी भी तरह की दुर्घटना की जिम्मेदारी नाविक समाज लेने के लिए तैयार है. मगर, बचाव कार्य भी मल्लाह समाज ने किया फिर भी उनकी पीठ तक नहीं थपथपाई गई.

पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रमोद मांझी ने कहा कि नाव हादसे के बाद उनके 20 लोगों को पकड़कर पुलिस ने न केवल गलत व्यवहार किया, बल्कि हमारे लोगों के साथ मारपीट भी की गई.

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पुलिस के आदेश का विरोध करते हुए नाविक.

 

नाविकों को क्या इनाम मिलता है?

नाविक समाज के नेता शंभू माझी ने कहा कि मीटिंग में शामिल अपर नगर आयुक्त काफी उटपटांग बात कर रहे थे. गंगा में डूबते लोगों को बचाने पर आखिर नाविकों को क्या इनाम मिलता है?

शनिवार को हुए हादसे को लेकर उनसे पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल किया गया, तो शंभू ने कहा कि जल पुलिस दुर्घटना होने के 10 मिनट बाद पहुंची थी. शंभू माझी ने पुलिस के उस दावे को भी झूठा बताया, जिसमें कहा गया था कि नाव डूबी नहीं थी, बल्कि उसमें पानी भरने लगा था. 

उन्होंने कहा कि नाव चालक की सिर्फ यही गलती थी कि नाव में लाइफ जैकेट होते हुए भी उसने यात्रियों को नहीं पहनाया था. उन्होंने बताया कि जल्द ही नाविक समाज अपनी बैठक करके बड़ा निर्णय लेगी.

लोगों को नहीं पसंद लाइफ जैकेट पहनना - नाविक अभिषेक

नाविक अभिषेक साहनी का कहना है कि जो लोग घाट पर आते हैं और नाव में बैठते हैं. ऐसे लोग नाव में बैठने के दौरान खुद ही लाइफ जैकेट नहीं पहनना चाहते हैं. ऐसे में हम उनसे जबरदस्ती कैसे कर सकते हैं. साथ ही अभिषेक ने कहा कि अब हम सभी को बोट लाइसेंस रद करने की भी धमकी दी जा रही है.

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बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारी.

यह है पुलिस का कहना

बैठक लेने वाले वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के काशी जोन डीसीपी आरएस गौतम का कहना है कि बैठक में नाविक समाज के लोगों को यह हिदायत दी गई है कि क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर नहीं बिठाएं. नाव का टेक्निकल मुआयना जरुर कराएं. जिस रुट के लिए लाइसेंस है, उसी पर नाव को चलाया जाए.

नाव में जीवन रक्षक उपकरण जरूर होने चाहिए. किसी भी दशा में नशे का सेवन करके नौका संचालन नहीं किया जाए. साथ ही लाइफ सेविंग जैकेट सभी नाव पर होनी जरूरी हैं.

रूल फॉलो नहीं करने पर होगी कार्रवाई

डीसीपी काशी ने बताया कि जो नाव हादसे का शिकार हुई थी, उस नौका चालक को नोटिस जारी किया गया है. फिर भी नौका चालक लापरवाही दिखाते हैं, तो उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही भी की जाएगी.

लाइसेंस भी करेंगे रद

डीजीपी का कहना है कि बैठक में अपर नगर आयुक्त भी मौजूद थे. नाव की फिटनेस को लेकर टेक्निकल मुआयना कराया जाएगा. साथ ही जो व्यक्ति नाव चलाने योग्य नहीं होंगे, उन सभी के लाइसेंस भी निरस्त किए जाएंगे.

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