
उत्तर प्रदेश में जनवरी 2022 से अभी तक डेंगू के कुल 11 हजार 183 मरीज मिले हैं. लखनऊ में सबसे ज्यादा एक हजार 677 मामले सामने आए हैं. दूसरे नंबर पर प्रयागराज है. यहां डेंगू के मरीजों की संख्या एक हजार 543 है. वहीं, गाजियाबाद में 710 मरीज मिले हैं. सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे डेंगू के मरीजों को इलाज किए बिना वापस न भेजें.
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्तरीय पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने लिए कंट्रोल रूम बनाया है. जरूरत के अनुसार बेड की संख्या बढ़ाई गई है. बुखार के मरीजों की जांच की पुख्ता व्यवस्था की गई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक ने जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अस्पतालों में जरूरी दवाएं हमेशा उपलब्ध रहें.
बड़े शहरों से आ रहे हैं ज्यादातर मामले
'आजतक' से बातचीत में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. लिली सिंह ने बताया, "डेंगू की स्थिति नियंत्रण में है. कुछ जगहों पर डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं. ज्यादातर मामले लखनऊ, अयोध्या और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों से सामने आ रहे हैं. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है."
उन्होंने आगे बताया, "मौसम का तापमान अभी कम नहीं हुआ, इसलिए डेंगू के केस कम नहीं हो रहे हैं. अस्पतालों में हमारी पूरी व्यवस्था है. पर्याप्त संख्या में बिस्तर मौजूद हैं. जरूरत पड़ने पर बेड बढ़ाने का निर्देश दिए गए हैं."
डॉक्टर लिली सिंह ने कहा, "नगर निगम को मच्छरों के लार्वा पर दवाओं के छिड़काव की जिम्मेदारी दी गई है. हर अस्पताल में दवाओं की पर्याप्त मात्रा है. हर अस्पताल में बिस्तरों की अलग क्षमता है. किसी में 10 तो किसी में 15 बेड होते हैं. आवश्यकतानुसार इनको बढ़ाने के निर्देश भी दिए जाते हैं. बेड की कमी के आधार पर किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है."