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वाराणसी: पावन गंगा में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, हेलिकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा

मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस अवसर पर आज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पावन गंगा में डुबकी लगाई. मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान और पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन तिल या उससे बनी वस्तुओं का दान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.

मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी (फोटो-ANI) मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी (फोटो-ANI)
aajtak.in
  • वाराणसी ,
  • 11 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 11:21 AM IST
  • मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व
  • गंगा  के घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौनी अमावस्या के अवसर पर आज गंगा  के घाटों पर स्नान के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. यहां आस्था कोरोना पर भारी पड़ी. भले ही कोरोना वैक्सीन आ चुकी है, लेकिन अभी भी ढ़िलाई नहीं बरतने के लिये कहा गया है, इसके बावजूद गंगा घाट पर सोशल डिस्टेंसिंग की कमी दिखाई दी. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पावन गंगा में डुबकी लगाई. गंगा स्नान से पहले श्रद्धालुओं ने संकल्प लिया, फिर गंगा में डुबकी लगाकर सूर्य को अर्घ्य दिया. 

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मौनी अमावस्या को लेकर वाराणसी के घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं.  श्रद्धालुओं  की भीड़ को नियंत्रित करने के लिये यहां बैरिकेडिंग लगाई गई, इसके अलावा गोताखोरों की भी तैनाती की गई, जिससे किसी भी अप्रिय घटना के दौरान तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा सके. वहीं मौनी अमावस्या के अवसर पर आज प्रयागराज में श्रद्धालुओं के ऊपर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी. मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर पवित्र स्नान कर रहे श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा के लिये राज्य सरकार ने हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की है. 

मौनी अमावस्या के अवसर पर यहां एक मेले का भी आयोजन किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से जीवन सफल हो जाता है. बता दें इस साल मौनी अमावस्या पर ग्रहों का एक विशेष संयोग बना है. इस दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और मकर राशि में छह ग्रहों की युति से महासंयोग बना है. इसे महोदय योग भी कहा जाता है. महोदय योग में गंगा के पवित्र जल से स्नान करना शुभ माना गया है.

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मौनी अमावस्या के दिन ऐसे करें पितृ पूजन 
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें. पितृ दोष निवारण के लिए लोटे में जल लें और इसमें लाल फूल और सा काले तिल डालें.  इसके बाद अपने पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्य देव को ये जल अर्पित करें. पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की कोई मिठाई चढ़ाएं और उस पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें. मौनी अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र जैसी चीजें जरूर दान करें. ऐसा करने से आपको पुण्य मिलेगा.

 

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