
पत्नी श्रीकला रेड्डी के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद पूर्वांचल के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह एक फिर चर्चा में आ गए हैं. श्रीकला रेड्डी निप्पो समूह घराने की बेटी हैं. धनंजय सिंह ने 2017 में उनसे तीसरी शादी रचाई थी.
धनंजय सिंह का सियासी सफर
बहरहाल, इतिहास पलट कर देखें तो धनंजय सिंह 27 साल की उम्र में 2002 में रारी (अब मल्हनी) विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर सबको चौंका चुके हैं. वह दोबारा इसी सीट पर जदयू के टिकट से जीते. फिर धनंजय सिंह बसपा में शामिल हुए. 2009 में वह बसपा के टिकट पर जीत दर्ज कर जौनपुर से सांसद हुए. इससे पहले, तीन दशक तक जौनपुर की लोकसभा सीट से बसपा नहीं जीत पाई थी.
मायावती को दी खुली चुनौती तो बसपा ने निकाला
बसपा में रहते हुए धनंजय सिंह मायावती को सीधे चुनौती दे बैठे थे. तब पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को लेकर उन्होंने आवाज बुलंद की. इसके बाद मायावती ने उन्हें 2011 में पार्टी से निकाल दिया था. बसपा से अलग होने के बाद भी धनंजय सिंह अपने समर्थकों के दम पर राजनीति में खुद को असरदार बनाए रहे. जौनपुर से 2014 का निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़े मगर हार गए. 2017 में धनंजय सिंह मल्हनी सीट से निषाद पार्टी के बैनर से विधानसभा चुनाव लड़े थे. तब दूसरे स्थान पर रहे थे. हालांकि 2019 का लोकसभा चुनाव वह नहीं लड़े.
तो एनडीए में पहले से हैं धनंजय
पत्नी के बीजेपी में जाने पर धनंजय सिंह के भावी कदम की चर्चा होने लगी है. नज़दीकी सूत्र बताते हैं कि मौजूदा समय बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी से उनका 2017 से ही जुड़ाव रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में वह मल्हनी विधानसभा सीट से निषाद पार्टी से चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे थे. हालिया लोकसभा चुनाव से पहले निषाद पार्टी बीजेपी/एनडीए का हिस्सा बन चुकी है.