
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज सें संबद्ध जिला चिकित्सालय के पुरुष सर्जिकल वार्ड नम्बर दो की हैरान कर देने वालीं तस्वीरें सामने आई हैं. वार्ड की जर्जर हो चुकी छत के प्लास्टर उखड़ कर नीचे गिर रहा है.
ऐसा नहीं है कि वार्ड खाली हो, वार्ड में मरीज भी भर्ती हैं. साथ ही उनके अटेंडर भी उनके साथ मौजूद रहते हैं. किसी को चोट न पहुंचे इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने जुगाड़ का इस्तेमाल किया है. प्लास्टर किसी पर गिरे नहीं इसलिए छत के नीचे नेट (हरी रंग की प्लास्टिक सीट) लगाया गया है.
अस्पताल प्रबंधन के इस तरीके पर मरीज और उनके अटेंडर दोनों ही हैरान है. उनका कहना है कि इस तरह से हम लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इलाज तो कराना ही है. इसलिए मजबूरी में यहां रहना है. लेकिन हमें हर वक्त दुर्घटना होने का डर सताता रहता है.
अस्पताल में मरीजों की हमेशा रहती है भीड़
महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में मरीजों की काफी भीड़ होती है. क्योंकि, यह बिहार राज्य के जनपद सिवान और गोपालगंज की सीमा से सटा हुआ है. भारी संख्या में मरीज इलाज कराने यहां पहुंचते हैं. मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग का निर्माण चल रहा है.
नए भवन में मेडिकल के स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं, उनके रहने के लिए भी भवन तैयार हो चुका है. ओपीडी लगना भी नए भवन में शुरू हो गई है. लेकिन मरीज अभी भी पुराने भवन के वार्ड में भर्ती किए जा रहे हैं.
कुछ वार्ड ठीक बाकियों की हालत जर्जर
अस्पताल की पुरानी इमारत के कुछ वार्ड की हालत ठीक है. लेकिन कुछ ऐसे हैं जिनकी दिवार और छत का प्लास्टर उखड़ रहा है. वार्ड की जो खिड़कियां हैं उनमें जालियां नहीं हैं.
मेडिकल कॉलेज सम्बद्ध जिला चिकित्सालय के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एच के मिश्रा का कहना है कि मेडिकल कालेज निर्माण प्रक्रिया में है. जैसे-जैसे भवन बनता जाएगा, वैसे-वैसे वार्डों को उसमें शिफ्ट किया जाएगा. वहीं, मेडिकल कालेज के प्रभारी सीएमएस का कहना है कि यह भवन साल 1952 में बना था. इमारत पुरानी हो चुकी है. नया मेडिकल कालेज का निर्माण चल रहा है.
मरीज पर गिर चुका है प्लास्टर
कुछ महीने पहले ही एक मरीज पर छत से उड़खकर प्लास्टर गिरने से उसे चोट आई थी. फिर भी अस्पताल में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़हो रहा है.