
लखनऊ में 4 दिन पहले आतंक मचाने वाले तेंदुआ का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. रैपिड रेस्क्यू की 5 टीमें फिलहाल खाली हाथ हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेदुए के पैर के निशान कहीं भी नहीं मिल रहे हैं. माना जा रहा है कि तेंदुआ लखनऊ के क्षेत्र से बाहर निकल गया है. बता दें कि तेदुए ने 25 दिसंबर की रात लखनऊ के कल्याणपुर और पहाड़पुर इलाके में वन विभाग की टीम के एक सदस्य समते तीन लोगों को घायल कर दिया था.
अवध वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी डॉक्टर रवि कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ के कुकरैल रेंज के अन्तर्गत आदिल नगर एवं कल्याणपुर में 25 दिसंबर की रात 12 बजे के बाद तेंदुआ देखा गया था. उसके बाद से तेंदुए की तलाश में लगी 5 रैपिड रेस्क्यू टीमों को कहीं पर भी तेंदुआ के पैर के निशान नहीं मिले हैं.
उन्होंने बताया कि बुधवार को लखनऊ के कुकरैल रेंज के अन्तर्गत शिवानी विहार, निकट रामलीला मैदान में, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, तकरोही, सेक्टर 19 इन्दिरानगर तथा स्पोर्टस कालेज गुडम्बा आदि क्षेत्रों में वन्य जीव निकलने की सूचना पर क्षेत्रीय वन अधिकारी केपी सिंह एवं अन्य रेंज कर्मियों ने निरीक्षण किया लेकिन तेंदुआ के पैरों के निशान नहीं मिले. मड़ियांव गांव में भी वन्य जीव निकलने की सूचना मिली थी लेकिन यहां पर भी तेंदुए के पैरों के निशान नहीं मिले. अवध वन प्रभाग, लखनऊ की पांच रैपिड रेस्क्यू टीमों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली है.
सपा ने भाजपा पर साधा था निशाना
लखनऊ में तेंदुए के हमले के बाद मामले पर राजनीति शुरू हो गई थी. समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए स्थानीय प्रशासन को भी असफल बताया था. समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया था कि लखनऊ में दहशत का पर्याय बन चुके फरार तेंदुए को काबू करने में अब तक दमदार भाजपा सरकार नाकाम!, तेंदुए की दहाड़ सुनकर वन विभाग जाल छोड़कर हुआ फरार, तेंदुए ने कई लोगों को किया घायल, रिहायशी इलाकों में दहशत में जिंदगी. कब पकड़ा जाएगा तेंदुआ? जवाब दे सरकार.