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उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर हुई वोटिंग के बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर मतों की गिनती को रोक दिया गया है. चुनाव आयोग का यह निर्देश बैलेट पेपर्स को लेकर जताई गई आपत्तियों के बाद आया है.
बता दें कि बैलेट पेपर में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने फिलहाल राज्यसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. ऐसे में चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद ही वोटों की गिनती शुरू की जा सकेगी.
दरअसल, नरेश अग्रवाल के बेटे सपा विधायक नितिन अग्रवाल और बसपा के बागी विधायक अनिल सिंह ने अपने वोट ऑथराइज एजेंट को नहीं दिखाए, जिसकी शिकायत बीएसपी ने इलेक्शन कमीशन से की है और इसीलिए काउंटिंग रुकी हुई है.
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों पर वोट डाले गए. गौर हो कि यूपी की इन 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी के 8 और सपा के एक सदस्य की जीत तय है.
वहीं, 10वीं सीट के लिए बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर और बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी अनिल अग्रवाल के बीच कड़ा मुकाबला है. बता दें कि शुक्रवार को सूबे की सभी 400 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में वोट डाले.
सपा और कांग्रेस ने बसपा उम्मीदवार अंबेडकर के समर्थन में वोट डाले जाने की बात कही है. अजित सिंह की पार्टी आरएलडी भी उनके समर्थन में है. इधर, बीजेपी सूबे की 9वीं राज्यसभा सीट पर निर्दलीय अनिल अग्रवाल को जिताने के लिए हर संभव प्रयास कर चुकी है. बीजेपी गठबंधन के पास 28 वोट अतरिक्त हैं, जबकि जीतने के 37 वोट की जरूरत है. इस तरह बीजेपी को 9 वोटों की जरूरत है.