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लखनऊ: ₹1 करोड़ का बिजली बिल बकाया, 66 सरकारी स्कूलों की बिजली कटी

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश बिजली विभाग ने बिजली का बिल न भरने वाले स्कूलों पर बड़ा एक्शन लिया है. बिजली विभाग ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली भुगतान नहीं होने पर लखनऊ के 66 स्कूलों की बिजली काट दी है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 14 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST
  • स्कूलों को बिजली का बिल भरने के लिए नोटिस जारी किया गया था
  • नोटिस का जवाब न मिलने का कारण विभाग ने यह कार्रवाई की है

बिजली बिल की बकाएदारी पर आम लोगों के कनेक्शन कटने के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकारी स्कूलों की बिजली गुल करने का मामला सामने आया है. 

करीब 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली भुगतान नहीं होने पर लखनऊ के 60 से ज्यादा स्कूलों की बिजली काट दी गई है. जानकारी के मुताबिक लखनऊ और इसको आसपास तकरीबन 300 सरकारी और निजी स्कूल हैं, जिनका करोड़ों रुपये का बिजली बिल बकाया था. इन स्कूलों को बिल जमा कराने के लिए विभाग की ओर से कई बार नोटिस जारी किया. लेकिन जब स्कूलों की तरफ से विभाग को कोई जवाब नहीं मिला तो एसडीओ ने इनका बिजली का कनेक्शन काटना शुरू कर दिया.

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प्रदेश में बिजली विभाग चला रहा है अभियान

दरअसल, इन दिनों उत्तर प्रदेश बिजली विभाग एक अभियान चला रहा है. इस अभियान में विभाग उन स्कूलों की बिजली काट रहा है, जिनका बिल कई महीनों से बकाया है. इससे पहले विभाग ने चिनहट ब्लॉक के लगभग करीबन 47 स्कूलों की बिजली काट दी थी. 47 स्कूलों की बिजली गुल करने के बाद भी जब बेसिक शिक्षा विभाग ने बिजली विभाग के नोटिस का किसी तरीके से जवाब नहीं दिया तब उन्होंने तकरीबन 60 से ऊपर स्कूलों की बिजली काटी.

मध्यांचल एमडी अनिल ढींगरा के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग का कई स्कूलों का बिल नहीं जमा था, जिसकी वजह से एसडीओ ने यह कार्रवाई की और कनेक्शन काट दिया. हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से बिल थोड़ा जमा किया गया है और सभी कनेक्शन फिर से रिस्टोर कर दिए गए हैं और आगे अभी बिजली चालू कर दी गई है.

लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने स्कूलों की बिजली गुल किए जाने के मामले पर कहा कि बिजली विभाग को 8 करोड़ रुपये का बिल जमा करवा दिया गया है और करेक्शन रिस्टोर कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि बिजली कनेक्शन रिस्टोर होने के साथ ही अब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.

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